इम्तहान (Examination) का दौर: ममता कुशवाहा
जिंदगी है इम्तहान (Examination) का दौर
हर पल लेती हमसे इम्तहान
ना मिलता परिणाम कभी
फिर भी देते रहते इम्तहान हम
यह जीवन के खेल निराले
हर पल लेते हमसे इम्तहान
कभी अपनों के लिए…
तो कभी अपने लिए देते हम
जिंदगी-ए-इम्तहान
पर ना कोई लालसा परिणाम की
होता वही जो मैं मयस्सर में लिखा
फिर भी करते पार इसे हम
हर दौर इम्तिहान का
हर कोई यहां दे रहा
हर पल ,हर घड़ी परीक्षा
कोई होता शिक्षा पाकर
अगली कक्षा में जाने को
तो कोई देता नौकरी पाने को
कोई देता जीने का तरीका
सीखने को…..इम्तिहान
हर घड़ी हर पल
देते रहते हम इम्तहान॥
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