Dr Jitendra Singh

सरकार पेंशनभोगी को ‘आत्मनिर्भर’ बनने में मदद कर रही है : डॉ. जितेंद्र सिंह

Dr. Jitendra singh Atma Nirbhar

केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने पेंशनभोगी के लिए ‘कोविड-19 महामारी में विचारों और ध्यान की शक्ति’ पर आपसी संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया

10 NOV 2020 by PIB Delhi

केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) पेंशनभोगी के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को बढ़ावा देकर इन्हें आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रही है। इसे एक स्थान से सरल तरीके से दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कोविड-19 महामारी की वजह से जीवन प्रमाणपत्र को जमा करने में पेंशनभोगी को हो रही परेशानियों को देखते हुए सरकार ने इसे जमा करने की मौजूदा समय सीमा में ढील दी है। अब जीवन प्रमाणपत्र को एक नवंबर, 2020 से 31 दिसंबर, 2020 तक जमा किया जा सकता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज डीओपीपीडब्ल्यू द्वारा यहां आयोजित ‘कोविड-19 महामारी में ‘विचारों और ध्यान की शक्ति’ पर ब्रह्म कुमारी सिस्टर शिवानी के आपसी संवाद सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए वरिष्ठ नागरिकों के रूप में पेंशनभोगी सबसे कमजोर समूह है, इन्हें मदद के लिए चिकित्सकीय देखभाल और ऐसे कार्यक्रमों के अलावा सहयोग और दयाभाव की जरूरत है। इस तरह के कार्यक्रमों से इन्हें अपने मानसिक तनाव के स्तर से निपटने में मदद मिलेगी, जिससे पेंशनभोगी को शारीरिक बीमारी से बचाया जा सकेगा।

श्री जितेंद्र सिंह ने ब्रह्म कुमारी सिस्टर शिवानी द्वारा अपनी बात रखने की अटल शैली की सराहना की। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के पास समाज के लिए हमेशा बहुत कुछ होता है और उनके मूल्यवान अनुभव समाज में परिवर्तन ला सकते हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि हमारे पास आभार के रूप में सभी प्राचीन धर्मग्रंथों में जो आत्म साम्रागी है, ये खुशियों की कुंजी हैं। इसके अलावा विज्ञान ने भी इस बात को माना है कि मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ होना बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य और रोगों के खिलाफ प्रतिरक्षा की ओर ले जाता है।               

जीवन में सकारात्मकता के निर्माण पर ब्रह्म कुमारी सिस्टर शिवानी द्वारा दिए गए संबोधन का समर्थन करते हुए मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी की अवधि में चिड़चिड़ापन पैदा करने वाले विचारों से खुद को मुक्त करने के लिए जीवन शैली में परिवर्तन जरूरी है। उन्होंने कहा कि हालिया वर्षों में भारत में औसत जीवन काल में वृद्धि हुई है, लेकिन किसी को जीवन को वर्षों में जोड़ना चाहिए न कि वर्षों को जीवन में।

इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ब्रह्म कुमारी सिस्टर शिवानी ने कोविड-19 महामारी की इस अवधि में खुद को सकारात्मक विचारों से ऊर्जावान बनाए रखने और जैसे एक दीप से दूसरे दीप में ऊर्जा का प्रवाह होता है, ठीक उसी तरह दूसरे को भी ऊर्जावान बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अपने संस्कारों के माध्यम से न केवल अपने भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते हैं, बल्कि घर और समाज में सभी की भावनात्मक सामर्थ्य को मजबूत करने में योगदान दे सकते हैं। बड़े पैमाने पर ये अपने परिवार और समाज के सभी युवा सदस्यों को बिना शर्त भावनात्मक समर्थन, स्थिरता, आशा और प्रेम देने वाले होते हैं।     

इस ऑनलाइन आयोजन में पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के सचिव डॉ. छत्रपति शिवाजी और पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव श्री संजीव नारायण माथुर के साथ अन्य अधिकारी और पेंशनभोगी के एसोसिएशनों के पदाधिकारी शामिल हुए।  

इस कार्यक्रम का उद्देश्य कोरोना महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य पर वरिष्ठ पेंशनभोगी को मजबूत बनाना था। डीओपीपीडब्ल्यू पेंशनभोगी के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर अतिरिक्त प्रयास कर रहा है। इनमें पेंशनभोगी एसोसिएशनों की मदद से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूरे भारत से बड़ी संख्या में पेंशनभोगी को कोविड-19 पर परामर्श प्रदान करना, प्रतिरक्षा और संपूर्ण स्वास्थ्य में वृद्धि के लिए योग सत्र का संचालन करना शामिल है। 

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