पश्चिम रेलवे ने 499 पार्सल विशेष ट्रेनों से किया 1.10 लाख टन आवश्यक वस्तुओं का परिवहन
लॉकडाउन के दौरान कठिनतम चुनौतियों के बावजूद पश्चिम रेलवे ने 499 पार्सल विशेष ट्रेनों से किया 1.10 लाख टन आवश्यक वस्तुओं का परिवहन
राष्ट्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के प्रति समर्पित पश्चिम रेलवे द्वारा कोरोना वायरस के कारण घोषित पूर्ण लॉकडाउन और वर्तमान परिदृश्य के दौरान परिवहन और श्रम की सबसे कठिन चुनौतियों के बावजूद, देश के विभिन्न भागों में विशेष समयबद्ध पार्सल ट्रेनों तथा माल गाड़ियों के द्वारा आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को जारी रखा गया है
COVID19 के मद्देनजर घोषित लॉकडाउन अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे अपनी इन ट्रेनों के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में दूध, दवाओं और अन्य आवश्यक उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित कर रही हैपूरे देश में छोटे पार्सल आकारों में चिकित्सा उपकरणों और खाद्यान्नों आदि जैसी अन्य आवश्यक वस्तुओं के परिवहन की जिम्मेदारी भी पश्चिम रेलवे द्वारा बखूबी निभाई जा रही है, क्योंकि यह हमेशा अपने ग्राहकों की आवश्यकताओं के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध रही है।
इसी क्रम में 28 अगस्त,2020 को पश्चिम रेलवे द्वारा पोरबंदर से शालीमार (पश्चिम बंगाल) के लिए पार्सल विशेष ट्रेनें और करमबेली से न्यू गुवाहाटी के लिए एक इंडेंटेड मालगाड़ी रवाना की गई।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति
के अनुसार, 23 मार्च से 27 अगस्त, 2020 तक पश्चिम रेलवे ने 499 पार्सल विशेष ट्रेनों के
द्वारा 1.10 लाख टन सामग्री का परिवहन किया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयाँ, दूध, खाद्यान,
मछली आदि शामिल हैं। इनसे 35.76 करोड़ रु. के राजस्व की प्राप्ति हुई है। इस अवधि के
दौरान 80 मिल्क स्पेशल गाड़ियों को पश्चिम रेलवे द्वारा चलाया गया, जिनमें 60,700 हजार टन
से अधिक का भार था और वैगनों के 100 % उपयोग से लगभग 10.49 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी प्रकार, लगभग 36,000 टन से अधिक भार वाली 390 कोविड-19
विशेष पार्सल ट्रेनें भी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके द्वारा
अर्जित राजस्व 18.50 करोड़ रु. से अधिक रहा। इनके अलावा, 12,400 से अधिक टन भार
वाले 29 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% क्षमता के साथ के साथ चलाए गए, जिनसे 6.77 करोड़
रु. से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। 23 मार्च, 2020 से 27 अगस्त, 2020 तक पश्चिम रेलवे
द्वारा मालगाड़ियों के कुल 13,145 रेकों का प्रयोग कर 27.32 मिलियन टन आवश्यक सामग्री
को देश के विभिन्न भागों में पहुँचाया गया। कुल 25,885 मालगाड़ियों को अन्य ज़ोनल रेलों के
साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 12,945 ट्रेनें सौंपी गईं और 12,940 ट्रेनों को पश्चिम रेलवे के
विभिन्न इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। इन माल गाड़ियों से होने वाला राजस्व 3458.27
करोड़ रुपये है।
लॉकडाउन के कारण राजस्व नुक़सान और रिफंड अदायगी
कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर यात्री राजस्व का कुल नुकसान लगभग 2323
करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 350 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए
1973 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद, 1 मार्च, 2020 से 27 अगस्त, 2020
तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 420.19 करोड़ रुपये के रिफंड की
अदायगी सुनिश्चित की है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई मंडल ने लगभग
202.53 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 64.90 लाख यात्रियों ने पूरी
पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त की है।