Supreme court: स्थानीय पहचान पत्र के बिना भी मरीजों को अस्पताल में भर्ती करें: सुप्रीम कोर्ट
Supreme court: स्थानीय पहचान पत्र के बीना भी मरीजों को अस्पताल में भर्ती करें, केन्द्र सरकार राष्ट्रीय नीति बनायेः सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली, 03 मई: Supreme court: देश में बढ रही महामारी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को कहा कि किसी राज्य में कोई भी व्यक्ति के पास प्रमाण पत्र हो या ना हो उसे अस्पताल में भर्ती करने और जरुरी दवाएं देने से मना नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस संबंध में दो हफ्ते के अंदर अस्पताल में दाखिल होने के संबंध में राष्ट्रीय नीति बनाने को भी कहा है। कोर्ट ने संज्ञान लिया है कि राज्यों में अन्य प्रदेश या शहर के लोगों को बिना पहचान पत्र के दाखिल नहीं किया जा रहा है। यह बहुत ही भयानक है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि केन्द्र सरकार द्वारा बनायी जानेवाली राष्ट्रीय नीति सभी राज्य सरकारों की ओर से मानी जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने देश में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ने के पर चिंता जताते हुए केन्द्र सरकार से कहा कि आप जनहित में कोरोना की दूसरी लहर को कम करने के लिए लोकडाउन लगाने पर भी विचार कर सकते है। अक्सीजन को लेकर कोर्ट ने केन्द्र सरकार से प्लान बना के के लिए कहा है। शनिवार को दक्षिण दिल्ली के बत्रा अस्पताल में 12 मरीजों की आक्सीजन नहीं मिलने से मौत हो गई। वहीं एक अस्पताल में डेढ घंटे तक आक्सीजन नहीं था।
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