कोरोना महामारी से असली लड़ाई पश्चिम रेलवे के विभिन्न मोर्चों पर है लगातार जारी

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फोटो कैप्शन: पहली तस्वीर में पश्चिम रेलवे के लोअर परेल वर्कशॉप में मास्क तैयार करते रेल कर्मी। दूसरी तस्वीर में अहमदाबाद में एक रेल कर्मचारी की बेटी अपने घर में सभी रेल कर्मचारियों के लिए मास्क तैयार करते हुए।तीसरी तस्वीर पोरबंदर के एक ट्रैक मेंटेनर की है, जो भावनगर डिवीजन के ट्रैक मेंटेनरों के लिए मास्क तैयार कर रहा है।
  पश्चिम रेलवे कोविड 19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए विभिन्न स्तरों पर हर सम्भव प्रयास कर रही है। कोरोना महामारी के खिलाफ असली लड़ाई पार्सल विशेष और माल गाड़ियों के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं के परिवहन तथा अन्य क़दमों के ज़रिये पश्चिम रेलवे के विभिन्न मोर्चों पर सुनिश्चित की जा रही है, जिनमें लाखों प्रवासी मजदूरों को श्रमिक विशेष गाड़ियों के माध्यम से उनके गृह राज्यों में ले जाने, सामान्य यात्रियों के लिए विशेष रेलगाड़ियों का परिचालन करने तथा  ज़रूरतमंद और असहाय व्यक्तियों को  मिशन फूड़ डिस्ट्रिब्यूशन के अंतर्गत निःशुल्क भोजन वितरण करने और मास्क, सैनिटाइज़र, पीपीई आदि का इन-हाउस निर्माण करने जैसी महत्त्वपूर्ण उपलब्धियॉं मुख्य रूप से शामिल हैं। कोरोनोवायरस संक्रमण के खिलाफ निवारक उपाय करने के लिए, पश्चिम रेलवे के सभी छह मंडलों में मास्क और सैनिटाइज़र इन-हाउस तैयार किये जा रहे हैं। ये मास्क और सैनिटाइज़र न केवल रेल अधिकारियों और आरपीएफ द्वारा उपयोग में लिये जाते हैं, बल्कि उन मजदूरों द्वारा भी उपयोग किये जाते हैं, जो माल और पार्सल विशेष ट्रेनों में लोडिंग करने और माल उतारने के कार्य में शामिल होते हैं।
 पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविन्द्र भाकर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 25 मई, 2020 तक लॉकडाउन अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे के डिवीजनों और कारखानों द्वारा 1.59 लाख मास्क और 20000 लीटर से अधिक सैनिटाइज़र तैयार किये गये हैं। पश्चिम रेलवे के मुंबई सेंट्रल डिवीजन ने सर्वाधिक 42000 मास्क बनाये। उसके बाद दाहोद वर्कशॉप ने 39700 और रतलाम डिवीजन ने 37130 मास्क बनाये। रतलाम डिवीजन ने सबसे अधिक मात्रा में 10100 लीटर सैनिटाइज़र तैयार किया। मुंबई सेंट्रल ने 3136 लीटर और दाहोद कारखाने ने 2080 लीटर सैनिटाइज़र तैयार किया। अहमदाबाद डिवीजन ने 13096 मास्क और 2134 लीटर सैनिटाइज़र, वडोदरा डिवीजन ने 8407 मास्क, लोअर परेल वर्कशॉप ने 6600 मास्क और 410 लीटर सैनिटाइज़र, भावनगर डिवीज़न ने 5492 मास्क और 215 लीटर सैनिटाइज़र, भावनगर वर्कशॉप ने 2715 मास्क और 215 लीटर सैनिटाइज़र, राजकोट डिवीज़न ने 2000 मास्क और 2000 लीटर सैनिटाइज़र, महालक्ष्मी कारखाने ने 970 मास्क और 60 लीटर सैनिटाइज़र और प्रताप नगर कारखाने ने 850 मास्क और 285 लीटर सैनिटाइज़र तैयार किया है।  इन मास्कों और सैनिटाइज़र का उपयोग डिवीजनों और कार्यशालाओं में किया जा रहा है। कर्मचारियों को मास्क का उपयोग करने और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए सैनिटाइज़र के लगातार उपयोग से अधिकतम सावधानी बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।  यह उल्लेखनीय है कि रेलवे कर्मचारियों के कई परिवारों ने भी पश्चिम रेलवे के सभी रेल कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए मास्क बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

मिशन फूड़ डिस्ट्रिब्यूशन
श्री भाकर ने बताया कि पश्चिम रेलवे केवल अपने कर्मचारियों की देखभाल ही नहीं कर रही है, बल्कि ज़रूरतमंद व्यक्तियों की मदद के लिए भी आगे आई है। विशेष रूप से ऐसे असहाय व्यक्तियों, जो अपने दैनिक भोजन का प्रबंधन नहीं कर सकते हैं, उनकेे लिए आईआरसीटीसी और एनजीओ के साथ मिलकर पश्चिम रेलवे ने सुनिश्चित किया है कि निःशुल्क भोजन वितरण करके अधिकतम ज़रूरतमंदों को लाभान्वित किया जाये। मिशन खाद्य वितरण के अंतर्गत पश्चिम रेलवे के वाणिज्यिक विभाग, RPF, IRCTC और NGO द्वारा पिछले 59 दिनों में 26 मई, 2020 तक सभी 6 डिवीजनों पर लगभग 5.92 लाख ज़रूरतमंद और असहाय व्यक्तियों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया गया है। 26 मई 2020 को पश्चिम रेलवे के सभी 6 मंडलों में कुल 2585 निःशुल्क भोजन पैकेट जरूरतमंद व्यक्तियों को वितरित किये गये।
प्रवासी मजदूरों का उनके गृह राज्यों तक परिवहन
पश्चिम रेलवे ने 2.5.2020 से 25.5.2020 तक कुल 1030 श्रमिक विशेष ट्रेनों का परिचालन किया है, जिन्होंने 15,31,574 यात्रियों को उनके इच्छित गंतव्यों तक पहुंचाया है। 25 मई, 2020 को, पश्चिम रेलवे ने 59 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया, जिनमें गुजरात से 47 और महाराष्ट्र से 12 ट्रेनें शामिल हैं। इन श्रमिक विशेष ट्रेनों में बिहार (19), यूपी (24), उड़ीसा (8), झारखंड (4) तथा राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और त्रिपुरा के लिए एक-एक ट्रेन चलाई गईं। 25 मई, 2020 को पश्चिम रेलवे के मुंबई उपनगरीय क्षेत्र के विभिन्न स्टेशनों से जो ट्रेनें रवाना हुईं, उनमें बांद्रा टर्मिनस से 7, बोरीवली से 4 और वसई रोड से 1 ट्रेन शामिल हैं। जिन श्रमिक विशेष गाड़ियों को छोड़ा गया, उनमें बांद्रा टर्मिनस से जौनपुर, बांद्रा टर्मिनस से जयपुर, बांद्रा टर्मिनस से दानापुर, बांद्रा टर्मिनस से लखनऊ, बांद्रा टर्मिनस से मधुबनी, बांद्रा टर्मिनस से प्रयागराज, बांद्रा टर्मिनस से मोतिहारी कोर्ट, बोरीवली से वाराणसी, बोरीवली से गोरखपुर (2 ट्रेनें), बोरीवली से जौनपुर और वसई रोड से जौनपुर की ट्रेनें शामिल हैं।
पार्सल विशेष ट्रेनों और मालगाड़ियों द्वारा परिवहन
श्री भाकर ने बताया कि 22 मार्च से 25 मई, 2020 तक, मालगाड़ियों के कुल 4644 रेकों का उपयोग 9.40 मिलियन टन की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है। 9192 मालगाड़ियों को अन्य रेलवे के साथ जोड़ा गया, जिनमें 4620 ट्रेनें सौंपी गईं और 4572 रेलगाड़ियों को विभिन्न इंटरचेंज पॉइंट पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे दुग्ध टैंकरों (आरएमटी) के 272 मिलेनियम पार्सल रेक को आवश्यक सामग्री जैसे दूध पाउडर, तरल दूध, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं की मांगों का सामना करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया है। गौरतलब है, कि 23 मार्च से 25 मई 2020 तक, वेस्टर्न रेलवे द्वारा अपनी 271 पार्सल विशेष गाड़ियों के जरिए 41 हजार टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया गया है, जिनमें कृषि उपज, दवाइयां, मछली, दूध आदि शामिल हैं। इस परिवहन से अर्जित राजस्व लगभग 12.38 करोड़ रुपये रहा है। इस परिवहन के तहत, वेस्टर्न रेलवे द्वारा 24 हजार टन से अधिक भार और वैगनों के 100% उपयोग तथा लगभग 4.17 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ तैंतीस दुग्ध विशेष ट्रेनें चलाई गईं। इसी प्रकार, 234 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियाँ भी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके लिए अर्जित राजस्व 4 करोड़ 43 लाख रुपये से अधिक था। इनके अलावा, लगभग 78 लाख रु. की आय के लिए 100% उपयोग के साथ 4 इंडेंटेड रेक भी चलाए गए। श्री भाकर ने बताया कि 26 मई, 2020 को देश के विभिन्न हिस्सों के लिए पश्चिम रेलवे से तीन पार्सल विशेष ट्रेनें रवाना हुईं, जिनमें पोरबंदर-शालीमार, बांद्रा टर्मिनस – लुधियाना और भुज – दादर विशेष ट्रेनें शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मार्च, 2020 के बाद से उपनगरीय और गैर-उपनगरीय खंडों सहित सम्पूर्ण पश्चिम रेलवे पर कुल आय में लॉकडाउन के कारण अनुमानित नुकसान कुल 1031.38 करोड़ रुपये रहा है। इसके बावजूद, अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 282.56 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में, अकेले मुंबई डिवीजन ने 135.38 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 43.33 लाख यात्रियों ने पूरे पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त की है।