अत्यावश्यक सामग्री के परिवहन हेतु 5 मई, 2020 को देश के विभिन्न हिस्सों के लिए पश्चिम रेलवे की 8 पार्सल विशेष ट्रेनें हुईं रवाना

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तस्वीर में बांद्रा टर्मिनस स्टेशन पर ओखा के लिए हो रही लोडिंग का दृश्य।

कोरोनावायरस के कारण घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे अपने सर्वोत्तम सम्भव प्रयासों को सुनिश्चित कर रही है, ताकि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में कोई बाधा न आये। इसीलिए इसकी पार्सल विशेष ट्रेनें देश के विभिन्न हिस्सों में परिचालित हो रही हैं।   लॉकडाउन के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में पार्सल विशेष ट्रेनें चलाना आसान काम नहीं है, फिर भी पश्चिम रेलवे ने यह परिचालन लगातार जारी रखकर राष्ट्र के प्रति अपनी सम्पूर्ण ज़िम्मेदारी और प्रतिबद्धता को बरकरार रखा है। इसी क्रम में 5 मई, 2020 को अत्यावश्यक वस्तुओं के समुचित परिवहन को  सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम रेलवे से देश के विभिन्न हिस्सों को कुल 8 पार्सल विशेष ट्रेनें रवाना हुईं।

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तस्वीर में राजकोट स्टेशन पर ओखा – गुवाहाटी पार्सल स्पेशल ट्रेन में लोडिंग हो रही है।  


     पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, श्री रविन्द्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 22 मार्च से 4 मई, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे पर मालगाड़ियों के 3017 रेकों का उपयोग 6.60 मिलियन टन  आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है। 6214 मालगाड़ियों को अन्य रेलवे के साथ जोड़ा गया, जिनमें 3130 ट्रेनें सौंपी गईं और 3084 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर ले जाया गया।  दूध पाउडर, तरल दूध, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांगों का सामना करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में पार्सल वैन / रेलवे दूध टैंकरों (आरएमटी) के 160 मिलेनियम पार्सल रेक भेजे गए हैं।  23 मार्च से 4 मई, 2020 तक, लगभग 25000 टन वजन वाली वस्तुओं को वेस्टर्न रेलवे द्वारा अपनी विभिन्न पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से ले जाया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से होने वाली कमाई लगभग 7.48  करोड़ रु. रही है। इसके अंतर्गत पश्चिम रेलवे द्वारा इक्कीस दुग्ध विशेष रेलगाड़ियां चलाई गईं, जिनमें 15000 टन से अधिक भार और वैगनों के 100% उपयोग के साथ लगभग 2.62 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।  इसी तरह, आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 133 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी चलाई गईं, जिनके लिए अर्जित राजस्व 4.09 करोड़ रुपये रहा।  इसके अलावा, लगभग 78 लाख रु. की आय के लिए 100% उपयोग के साथ 4 इंडेंटेड रेक भी चलाए गए। श्री भाकर ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों के लिए

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तस्वीर में हिंद टर्मिनल के लिए पालनपुर में हो रही रेल दूध टैंकर की लोडिंग का दृश्य।


5 मई, 2020 को पश्चिम रेलवे से आठ पार्सल विशेष ट्रेनें रवाना हुईं, जिनमें दूध की एक रेक के अलावा, ओखा – गुवाहाटी, मुंबई सेंट्रल – फिरोजपुर, ओखा – त्रिवेंद्रम, करमबेली – नई गुवाहाटी, बांद्रा टर्मिनस – ओखा, ओखा – बांद्रा टर्मिनस और दादर – भुज पार्सल विशेष ट्रेनें शामिल हैं। दूध की एक रेक पालनपुर से हिंद टर्मिनल तक चलाई गई।  उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण यात्री ट्रेनें बंद रहने से पश्चिम रेलवे पर (उपनगरीय + गैर-उपनगरीय सहित)  कमाई का कुल नुकसान 716.59 करोड़ रुपये रहा है।  इसके बावजूद, अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के कारण, पश्चिम रेलवे ने 237.64 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है।  यह भी उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई डिवीजन ने 114.85 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है।  अब तक, 37.18 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे में अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी किराया वापसी राशि प्राप्त की है।