Gopal Rai 3

दिल्ली सरकार ने 15 सदस्यीय पूसा बाॅयो डीकंपोजर इंपैक्ट असेसमेंट कमेटी बनाई

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दिल्ली सरकार ने 15 सदस्यीय पूसा बाॅयो डीकंपोजर इंपैक्ट असेसमेंट कमेटी बनाई, कमेटी में शामिल 5 विधायक अधिकारियों और वैज्ञानिकों के साथ पराली पर बाॅयो डीकंपोजर छिड़काव के प्रभावों का आंकलन करेंगे- गोपाल राय

  • यह कमेटी पराली पर बाॅयो डीकंपोजर केमिकल छिड़काव के प्रभावों का आंकलन रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंपेगी और सरकार इसे सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेगी- गोपाल राय
  • केंद्र सरकार के गठित नए आयोग से अपेक्षा है कि वो सभी राज्यों में टीम बना कर राज्य सरकार की तरफ से बाॅयो डीकंपोजर केमिकल का छिड़काव कराना सुनिश्चित करे- गोपाल राय
  • ग्रीन दिल्ली एप पर अब तक आई करीब 2300 शिकायतें में से 1346 निस्तारित हो चुकी हैं, सबसे अधिक शिकायतें नार्थ एमसीडी के क्षेत्र की आई हैं- गोपाल राय
  • दिल्ली सरकार की 14 स्क्वाॅयड टीमें सोमवार से ग्रीन एप पर आई शिकायतों के निस्तारण की हकीकत जानने के लिए जमीन पर उतरेंगी- गोपाल राय
  • दिल्ली सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी कर दी है, दिल्ली पुलिस, संभागीय आयुक्त और पर्यावरण विभाग इस पर एसओपी बनाने के लिए सोमवार को बैठक करेंगे- गोपाल राय

रिपोर्ट: महेश मौर्य, दिल्ली

नई दिल्ली, 06 नवंबर, 2020: दिल्ली सरकार ने पराली पर बाॅयो डीकंपोजर केमिकल छिड़काव के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए 15 सदस्यीय पूसा बाॅयो डीकंपोजर इंपैक्ट कमेटी गठित की है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि कमेटी में 5 विधायकों को भी शामिल किया गया है, जो अधिकारियों और पूसा के वैज्ञानिकों साथ प्रभावों का आंकलन करेंगे और दिल्ली सरकार दीपावली बाद आंकलन रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे। श्री राय ने केंद्र सरकार के गठित नए आयोग से अपेक्षा की है कि आयोग सभी राज्यों में टीम बना कर राज्य सरकार की तरफ से बाॅयो डीकंपोजर केमिकल का छिड़काव कराना सुनिश्चित करेगा। उन्होंने बताया कि ग्रीन दिल्ली एप पर अब तक आईं करीब 2300 शिकायतें में से 1346 निस्तारित हो चुकी हैं, सबसे अधिक शिकायतें नार्थ एमसीडी के क्षेत्र से आई हैं। दिल्ली सरकार की 14 स्क्वाॅयड टीमें सोमवार से ग्रीन एप पर आई शिकायतों के निस्तारण की हकीकत जानने के लिए जमीन पर उतरेंगी। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी कर दी है। दिल्ली पुलिस, संभागीय आयुक्त और पर्यावरण विभाग इस पर एसओपी बनाने के लिए सोमवार को बैठक करेंगे।

दिल्ली में करीब 1800 एकड़ एरिया में बाॅयो डीकंपोजर का छिड़काव किया जा चुका है- गोपाल राय
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली के अंदर बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से पिछले एक महीने से ‘युद्ध, प्रदूषण के विरुद्ध’ अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत दिल्ली में प्रदूषण पैदा करने वाले सभी स्रोतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार अलग-अलग मोर्चों पर काम कर रही है। दिल्ली के अंदर पराली बहुत कम जलती है, लेकिन इस बार लॉकडाउन और कोरोना की वजह से मजदूरों के घर जाने से मशीन से फसल की काफी कटाई की गई। राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र (पूसा) के साथ मिलकर दिल्ली सरकार ने पराली को जलाने की बजाय गलाने के लिए दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में बायो डीकंपोजर का निःशुल्क छिड़काव किया है। दिल्ली के लगभग 2000 एकड़ क्षेत्र में गैर बासमती धान की उपज होती है, उसमें से अब तक 1800 एकड़ खेतों में बाॅयो डीकंपोजर का छिड़काव हो चुका है। नजफगढ़ क्षेत्र में कुछ जगहों पर पानी लगने से धान की कटाई देर से हुई है। अगले 3 से 4 दिनों में हम 2000 एकड़ जमीन पर छिड़काव के लक्ष्य को पूरा कर लेंगे। बाॅयो डीकंपोजर को लेकर लोगों के मन में दो-तीन प्रश्न थे। पहला जो सबसे बड़ा प्रश्न था कि इसमें समय कितना लगेगा और क्या बाॅयो डीकंपोजर का प्रयोग करने के बाद अगली फसल की बुवाई समय से हो सकती है। हम लोगों ने इसकी शुरुआत 13 नवंबर को हिरनकी गांव से की थी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसका अवलोकन किया। वहां पर लगभग 90 से 95 फीसदी पराली गल कर खाद में तब्दील हो चुकी है। 

15 सदस्यीय पूसा बाॅयो डीकंपोजर इंपैक्ट असेसमेंट कमेटी की आंकलन रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे- गोपाल राय
गोपाल राय बताया कि दिल्ली के सभी हिस्सों में हमने बाॅयो डीकंपोजर का छिड़काव किया है और पूरी दिल्ली के अंदर इसका क्या असर रहा है, इसका आंकलन करने के लिए दिल्ली सरकार, पूसा बाॅयो डीकंपोजर इंपैक्ट असेसमेंट कमेटी का गठन कर रही है। इस कमेटी में 15 सदस्य होंगे। दिल्ली के उत्तर, पश्चिम और दक्षिण क्षेत्र, जहां पर धान की खेती होती है और केमिकल का छिड़काव हुआ है, वहां पर कमेटी के सदस्य जाकर जमीनी हकीकत की जांच करेंगे कि, बायो डी-कंपोजर के छिड़काव का क्या असर हुआ है? 15 सदस्यीय कमेटी में पांच विधायक सदस्य होंगे। कमेटी में नरेला के विधायक शरद चैहान, बवाना के विधायक जय भगवान उपकार, मुंड़का के विधायक धर्मपाल लाकड़ा, मटियाला के विधायक गुलाब सिंह यादव और बिजवासन के विधायक बीएस जून को शामिल किया गया है। इसके अलावा कृषि विभाग के 5 सदस्य होंगे, जो अलग-अलग क्षेत्रों में इस पूरी प्रक्रिया को संचालित कर रहे हैं। इनके साथ-साथ पूसा संस्थान के 5 वैज्ञानिक इसके सदस्य होंगे। इनके मार्ग निर्देशन में यह सारा काम होगा। यह कमेटी, अगले एक हफ्ते में अपनी आंकलन रिपोर्ट सरकार को सौंपोगी करेगी। इस रिपोर्ट को दिल्ली सरकार दीपावली के बाद सुप्रीम् कोर्ट में प्रदूषण के मामले की सुनवाई के दौरान दाखिल करेगी। दीपावली के बाद जब सुनवाई होगी, तब माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सम्मुख इस रिपोर्ट को जमा करेंगे। 

दिल्ली के प्रदूषण में पराली का 44 प्रतिशत योगदान नहीं होता, तो दिल्ली को इतने गंभीर हालात का सामना नहीं करना पड़ता- गोपाल राय
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी नया आयोग बनाया है। मैं उन सभी सदस्यों को बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने एमएम कुट्टी की अध्यक्षता में जिम्मेदारी संभाली है। दिल्ली में भी प्रदूषण पैदा होता है, लेकिन आज जो संकट गहराया है। उस संकट में 44 फीसदी प्रदूषण पराली के कारण होता है। आज पराली का यदि प्रदूषण में योगदान नहीं होता, तब भी दिल्ली के अंदर प्रदूषण होता, लेकिन यह जो गंभीर हालात पैदा हुए हैं, शायद इसका सामना दिल्ली को नहीं करना पड़ता। सरकार ने यह निर्णय लिया है कि कमेटी की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के सामने भी रखेंगे। यह उम्मीद भी करते हैं कि नया आयोग दिल्ली के अंदर सबसे कम पैसे में जो सामाधान तैयार हुआ है, उसके बारे में भी विचार करेगा। जिससे पराली को जलाने की जगह गलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से पराली जलाने पर किसानों पर एफआईआर दर्ज करने की खबरें आ रही हैं। कई लोगों को जेल में बंद कर दिया गया है। यह पराली का समाधान नहीं है। केंद्र सरकार आज मशीनों को खरीदने के लिए जितना पैसा सब्सिडी में खर्च कर रही है, उसका एक चैथाई पैसे में ही सरकार की तरफ से नि‘शुल्क बाॅयो डीकंपोजर का छिड़काव किया जा सकता है। दिल्ली के अंदर किसानों को मशीन खरीदने के लिए 2 करोड रुपए का बजट दिया है। इसमें से 50 फीसदी किसानों को भी अपना पैसा लगाना है। हमने 20 लाख रुपए खर्च किए हैं और इतने में ही दिल्ली के अंदर जितने भी एरिया में धान की फसल होती है, उस पर हमने छिड़काव करा दिया है। किसानों को कोई भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसलिए किसानों पर एफआईआर करने, उनको जेल भेजने की जगह सरकारों को इसका छिड़काव करवाना चाहिए। अगर आयोग यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी राज्य और केंद्र सरकार मिलकर हर जिले में टीम गठित करके बाॅयो डीकंपोजर का निःशुल्क छिड़काव किया जाए। इस बार देर हो चुकी है। केंद्र सरकार ने समय रहते नहीं हमारी बात नहीं सुनी, लेकिन अगली बार कम से कम दिल्ली के लोगों को इस पराली के संकट से मुक्ति मिल सकती है।

ग्रीन दिल्ली एप पर आई शिकायतों में से 58 प्रतिशत का निस्तारण हो चुका है- गोपाल राय
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हमने एंटी डस्ट, रेड लाइट, ऑन गाड़ी ऑफ अभियान के साथ-साथ ग्रीन दिल्ली एप लांच किया था। पिछले दिनों ग्रीन एप पर अलग-अलग विभागों की लगभग 2300 शिकायतें आई हैं, इनमें से आज तक 1346 शकायतों (58 प्रतिशत) को दूर किया जा चुका है। इसमें सबसे ज्यादा शिकायतें नार्थ एमसीडी के अंदर आ रही हैं। जो शिकायतें आ रही हैं, उसमें सबसे ज्यादा सड़क के किनारे खाली भूमि में कचरा या अवैध डंपिंग की है। इसके अलावा, बाॅयोमास कचरा, प्लास्टिक जलाने और ध्वस्तीकरण समेत अलग-अलग तरह की शिकायतें हैं। जिनमें से 58 फीसदी शिकायतों का समाधान हो चुका है। अभी तक दिल्ली ग्रीन वाॅर रूम से जुड़े 21 विभागों के नोडल अधिकारियों के माध्यम से शिकायतों को दूर किया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने इसमें और तेज लाने के लिए 14 स्क्वाॅड टीमें बनाई हैं, सोमवार से से यह टीमें शिकायतों के निस्तारण की हकीकत को जानने के लिए जमीन पर उतरेंगी। यदि कोई शिकायत आई है और उसका समाधान नहीं हो रहा है, तो उसकी वजह क्या है? इससे हम शिकायतों को दूर करने के प्रतिशत को बढ़ा सकते हैं।

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और कोरोना के केस को देखते हुए पटाखा जलाने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है- गोपाल राय
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अब दीपावली का समय आ रहा है। दीपावली के समय में पटाखे जलाए जाते हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, दिल्ली में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन पिछले दो-तीन दिनों के दौरान दिल्ली के अंदर कोरोना के मामले बढ़े हैं, लगभग 7000 से अधिक मामले रोज आ रहे हैं। साथ ही, पराली जलने के मामले बढ़ने के कारण हमारे तमाम प्रयासों के बावजूद दिल्ली का एक्यूआई स्तर बढ़ रहा है। पंजाब, हरियाणा, यूपी में पराली जलने के मामले बढ़ने से वायु स्तर खतरनाक स्थिति की तरफ बढ़ रहा है। एक्यूआई का स्तर लगभग 500-550 के बीच पहुंच गया है। इन दोनों स्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में कल मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य मंत्री, राजस्व मंत्री, पर्यावरण विभाग की संयुक्त बैठक हुई थी। सारी परस्थितियों को देखने के बाद यह निर्णय लिया गया कि दिल्ली के अंदर प्रदूषण को लेकर इमरजेंसी हालात जिस तरह से बन रहे हैं, इसको देखते हुए दिल्ली के अंदर पूरी तरह से पटाखों पर बैन लगा दिया गया है। अब दिल्ली के अंदर 7 नवंबर से 30 नवंबर तक ग्रीन पटाखों की भी बिक्री और उपयोग पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना जारी कर दिया है। सरकार ने दिल्ली पुलिस और डिविजनल कमिश्नर को निर्देश दिए हैं कि दिल्ली के अंदर पटाखों पर लगे प्रतिबंध को लागू करने के लिए अपना तंत्र तैयार करें और अनुपालन सुनिश्चित कराएं। सचिवालय में 9 नवंबर को दोपहर 12 बजे पर्यावरण विभाग, डिविजनल कमिश्नर और दिल्ली पुलिस के अधिकारी बैठक करके सरकार के आदेश का शत प्रतिशत पालन कराने के लिए एसओपी तैयार करेंगे, ताकि दिल्ली के लोगों को इस बढ़ते प्रदूषण के खतरे से बचाया जा सके। दिल्ली के हाथ में जो है, प्रदूषण को जितना कम किया जा सकता है, उसेे किया जाए। दिल्ली सरकार दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए सारे मोर्चों पर काम कर रही है, आगे भी हम इसे करेंगे।

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