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Cabbage: पत्तागोभी- गैस्ट्रिक अल्सर के इलाज में लाभदायी

Cabbage: पत्तागोभी का रस लगातार दो तीन माह तक सिर पर लगाने से गंजापन दूर हो जाता है।

  • वानस्पतिक नाम- Brassica oleracea var capitata (ब्रासिका ओलेरेसियावेरा, कैपोटेटा)
  • कुल- ब्रासिकेसी (Brassicaceae)
  • हिन्दी- पत्तागोभी, बंदगोभी
  • अंग्रेजी– कैबेज (Cabbage)
  • संस्कृत- केंबुका, केमुक
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Cabbage: इसे बंदगोभी भी कहा जाता है और यह लगभग हर भारतीय रसोई की एक प्रचलित सब्जी है और इसकी खेती संपूर्ण भारत में होती है। अक्सर इसे सलाद के तौर पर भी खाया जाता है। पत्तागोभी का वानस्पतिक नाम ब्रासिका ओलेरेसिया वेरायटी कैपीटेटा है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, कई विटामिन्स (ए. बी, सी) के अलावा लौह तत्व भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। कहा जाता है कि पत्तागोभी का रस लगातार दो तीन माह तक सिर पर लगाने से गंजापन दूर हो जाता है।

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साथ ही यदि इसके कच्चे पत्तों (Cabbage) को भी प्रतिदिन चबाकर निगल लिया जाए तो बालों का उगना पुनः शुरू हो जाता है। आदिवासियों के अनुसार पत्तागोभी का रस कई तरह के रोगों के निवारण के लिए कारगर है। रस का प्रतिदिन सेवन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है वहीं पुरानी कब्जियत की शिकायत हो तो दूर हो जाती है। पत्तागोभी का रस और कच्चे पत्ते गैस्ट्रिक अल्सर में बहुत फायदा करते हैं। जिन्हें कोलायटिस की समस्या हो, पालक और पत्तागोभी के पत्तों की समान मात्रा का रस तैयार कर कुछ दिनों तक लिया जाए तो आराम मिल जाता है।

पातालकोट के आदिवासी पेप्टिक अल्सर होने पर एक सप्ताह तक पत्तागोभी (Cabbage) का रस दिन में तीन बार लेने की सलाह देते हैं। पत्तागोभी का रस लगभग 75 मिली प्रतिदिन लेने से दाँतों से संबंधित रोग और पायरिया आदि में लाभ होता है। कच्ची सलाद बनाकर खाने से भी इन सभी विकारों के निवारण में फायदा होता है। (साभार: आदिवासियों की औषधीय विरासत पुस्तक से )

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