निभाता है कौन….

ग़ज़ल मेरी आवाज़ से आवाज़ मिलाता है कौनप्यार के गीत सरे-बज़्म सुनाता है कौन एक मुद्दत हुई है,मैंने भुलाया था उसेफिर मेरे ख़्वाबों में चुपके से ये आता है कौन … Read More

काश कोई तो पूछ ले “क़ादिर”(Kadir) आँखों से दरया बहता क्यों है

ग़ज़ल~ धोका क्यों है हर मंज़िल पर धोका क्यों हैमौसम बदला-बदला क्यों है महँगे-महँगे सारे खिलौनेमेरा दिल फिर सस्ता क्यों है रिश्ते सारे तोड़ चुका जोख़्वाब में चुपके आता क्यों … Read More