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अहमदाबाद मण्डल को मिला भारतीय रेल का सबसे शक्तिशाली इलैक्ट्रिक इंजिन

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 अहमदाबाद,06 अगस्त, 2020:भारत सरकार की ‘मेक इन इण्डिया’ योजना के तहत पूरी तरह देश में बना भारतीय रेल का अब तक का सर्वाधिक शक्तिशाली रेल इंजिन WAG-12 तीन दिनों के लिए अहमदाबाद मण्डल को मिला है,जहाँ इसे सफलतापूर्वक चलाने के लिए संबन्धित स्टाफ को आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है।

       अहमदाबाद मण्डल के मण्डल रेल प्रबन्धक श्री दीपक कुमार झा ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर’ भारत के सपने को साकार करते हुए यह अब तक का सबसे शक्तिशाली रेल इंजिन है, जो 12000 हॉर्सपावर का है तथा 6000 टन क्षमता की माल गाड़ी को 100 KMPH की क्षमता से पटरियो पर दौड़ाने की क्षमता रखता है व इसमे हाईराईज़ पेंटोग्राफ है। वर्तमान में इससे अहमदाबाद मण्डल के 100 लोको पायलट / सहायक लोको पायलट को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। फिलहाल यह रेल इंजिन गैरतपुर-सुरेन्द्रनगर तथा बोटाड—धोला जं॰ रेल खंडो में कार्य करेगा तथा संबन्धित मंजूरी मिलने के बाद इसे अहमदाबाद-पालनपुर तथा अहमदाबाद- गांधीधाम रेलखंडों पर भी चलाया जायेगा।

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      श्री झा के अनुसार इस रेल इंजिन का निर्माण मधेपुरा ईलेक्ट्रिक लोकोमोटिव प्रा॰ लि॰ में किया जा रहा है तथा यह 1GBT बेस, 3 फेज ड्राइव तथा 12000 HP का बिजली का इंजिन है,जिससे आने वाले  समय में तेज गति से मालगाडियाँ चलायी जायेगी तथा ट्रेक पर ट्रेनों का संचालन सुगमतापूर्वक हो सकेगा तथा कार्गो स्पीड बढ़ेगी व रोड ट्राफिक को पुनः रेलवे की ओर आकर्षित करने में सहायक होगा। इस अत्याधुनिक रेल इंजिन के परिचालन से डीजल व विदेशी मुद्रा की बचत तथा एयर प्रदूषण तथा कार्बन फुटप्रिंट दोनों में कमी हो सकेगी । भारतीय रेलवे में जहाँ ट्रैक पर घुमाव व चढ़ाई होती है तथा लोड पर बेंकिंग पावर की जरूरत होती है। इस इंजिन से यह निर्भरता समाप्त हो जायेगी तथा अकेले यह अपने बलबूते पर 6000 टन क्षमता की मालगाड़ी को पूरी स्पीड से चलाने मे सक्षम होगा।

      वरिष्ठ मण्डल बिजली इंजीनियर श्री ए॰ सुंदरेसन ने बताया कि भारत दुनिया का छठा ऐसा देश है जहाँ यह शक्तिशाली रेल इंजिन का परिचालन किया जा रहा है। इसकी नॉर्मल स्पीड 100 KMPH है जिसे 120 KMPH पर भी चलाया जा सकता है। इस लोको की लम्बाई 35 मीटर है तथा इसमे एक हजार लीटर हाई कम्प्रेसर केपेसिटी के दो टैंक है। इस रेल इंजिन के आने से घाट सेक्शन में दो इंजिन लगाने से भी मुक्ति मिलेगी।

प्रदीप शर्मा जनसंपर्क अधिकारी,पश्चिम रेलवे, अहमदाबाद,