विश्व स्तरीय यात्री सुविधाएं प्रदान करने के लिए अहमदाबाद रेलवे स्टेशन को विकसित किया जाएगा

Ahmedabad station Train

अहमदाबाद रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास करेगा आरएलडीए विश्व स्तरीय यात्री सुविधाएं प्रदान करने के लिए स्टेशन को फिर से विकसित किया जाएगा।

अहमदाबाद,20 अक्टूबर 2020: रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) ने अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के उद्देश्य से कंसल्टेंसी सेवाओं के लिए ऑनलाइन बोली आमंत्रित किया है। बोली प्राप्त करने वाले को स्टेशन के पुनर्विकास के लिए व्यवहार्यता अध्ययन, विस्तृत मास्टर प्लानिंग, अर्बन डिजाइनिंग, और इंजीनियरिंग तथा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने होंगे। पुनर्विकास का उद्देश्य स्टेशन के ऐतिहासिक महत्व को प्रभावित किये बिना, समय की मांग के अनुरूप स्टेशन पर अत्याधुनिक यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराना है।

अहमदाबाद रेलवे स्टेशन गुजरात के अहमदाबाद डिवीजन के अंतर्गत आता है। स्टेशन पर 12 प्लेटफार्म हैं। स्टेशन परिसर में सिदी बशीर मस्जिद के अवशेष के रूप में दो मीनारें भी हैं जिन्हें एक संरचनात्मक विरासत के रूप में देखा जाता है। इस स्टेशन से प्रतिदिन औसतन लगभग 52,843 यात्री यात्रा करते हैं। नए स्टेशन पर आगमन और प्रस्थान के लिए अलग सुविधा होगी। साथ ही यह मल्टी-मॉडल परिवहन एकीकरण के साथ रोड कनेक्टिविटी, सुरक्षा और निगरानी प्रणाली तथा अन्य सुविधाओं से सुसज्जित होगा।

“अहमदाबाद रेलवे स्टेशन गुजरात में सबसे बड़ा है। यह पुनर्विकास परियोजना स्टेशन के एतिहासिक विरासत को बरकरार रखते हुए इसके सौंदर्य में वृद्धि करेगी। यह यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगी और उनके अनुभव में वृद्धि करेगी। स्मार्ट सिटी पहल के साथ मिलकर यह पुनर्विकास आसपास के क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगा और रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी लाएगा,” श्री वेद प्रकाश दुडेजा, वाइस चेयरमैन – आरएलडीए, ने कहा।

पुनर्विकास में स्टेशन का विकास और वाणिज्यिक विकास दोनों शामिल है। अनिवार्य कार्यों में प्रोजेक्ट रेलवे स्टेशन के निर्माण से संबंधित कार्य, संबद्ध सुविधाएं, स्टेशन के लिए आवश्यक संरचना के विभिन्न तत्व और परियोजना के मास्टर प्लान के अंतर्गत वाणिज्यिक विकास के लिए ट्रंक संरचना शामिल है। वाणिज्यिक घटक में रेलवे भूमि पर और प्रोजेक्ट रेलवे स्टेशन के ऊपर रियल एस्टेट परिसंपत्ति का विकास शामिल है। यह रेलवे स्टेशन की सुविधाओं का हिस्सा नहीं है। इसमें भूमि के उपयोग से संबद्ध सभी श्रेणियां जैसे आवासीय, वाणिज्यिक, संस्थागत, वेयरहाउसिंग, होटल, अस्पताल, आदि शामिल हैं।

बोली प्राप्त करने वाले को बुनियादी ढांचे और आर्किटेक्चर से संबंधित समाधान प्रदान करने होंगे, जिससे रेल संचालन, यात्रियों और स्थानीय निवासियों को निर्माण के दौरान कम-से-कम असुविधा का सामना करना पड़े। और पर्यावरण से संबद्ध जरूरतों के साथ रेलवे स्टेशन तथा रियल एस्टेट के विकास को सुनिश्चित किया जा सके। उन्हें परियोजना के विकास / पुनर्विकास के लिए तकनीकी व्यवहार्यता रिपोर्ट, कॉसेप्ट प्लान और मास्टर प्लान तैयार करना होगा और अनिवार्य कार्यों के कार्यान्वयन को भी सुनिश्चित करना होगा। वे उक्त उद्देश्य के लिए रेलवे मांग मूल्यांकन, यातायात अध्ययन और एकीकृत यातायात योजना, इंजीनियरिंग सर्वे, भू-तकनीकी जांच, जैसी अन्य
गतिविधियों का संचालन करेंगे।

अहमदाबाद गुजरात की पूर्व राजधानी है। यह राज्य का एक आर्थिक और औद्योगिक केंद्र है। यहाँ दूसरा सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है और यह भारत में कपास का दूसरा प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है। इसे सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का भी प्रस्ताव है। इसे भारत का पहला यूनेस्को विश्व धरोहर शहर भी घोषित किया गया है। आरएलडीए वर्तमान में 62 स्टेशनों पर चरणबद्ध तरीके से काम कर रहा है, जबकि इसकी सहायक आईआरएसडीसी ने अन्य 61 स्टेशनों को पुनर्विकसित करने हेतु चयनित किया है। पहले चरण में, आरएलडीए ने पुनर्विकास के लिए
नई दिल्ली, तिरुपति, देहरादून, नेल्लोर और पुदुचेरी जैसे प्रमुख स्टेशनों को प्राथमिकता दी है। भारत सरकार द्वारा शुरू की गई स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के एक हिस्से के रूप में भारत भर के रेलवे स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर पुनर्विकास किया जाएगा।

रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) रेल मंत्रालय के अधीन एक सांविधिक प्राधिकरण है। इसकी स्थापना गैर- भाडा उपायों द्वारा राजस्व अर्जन के उद्देश्य से रेल भूमि का वाणिज्यिक विकास करने के लिये रेल अधिनियम 1989 मे संशोधन करके हुई थी। वर्तमान में, भारतीय रेलवे के पास पूरे देश में लगभग 43,000 हेक्टेयर खाली भूमि है। आरएलडीए के पास लीजिंग के लिए देश भर में 79 कमर्शियल (ग्रीन फील्ड) साइट हैं और प्रत्येक के लिए योग्य डेवलपर्स का चयन एक खुली और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। आरएलडीए वर्तमान में 84 रेलवे कॉलोनी के पुनर्विकास परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है और हाल ही में पुनर्विकास के लिए गुवाहाटी में एक रेलवे कॉलोनी को लीज पर दिया है।

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