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राज्य सरकारों को बायो डी-कंपोजर (De-Composer) के लिए केंद्रीकृत व्यवस्था करनी होगी और हर जिले में एक केंद्र स्थापित करना होगा- गोपाल राय

(De-Composer)

राज्य सरकारों को बायो डी-कंपोजर (De-Composer) के लिए केंद्रीकृत व्यवस्था करनी होगी और हर जिले में एक केंद्र स्थापित करना होगा- गोपाल राय

नई दिल्ली, 20 मार्चः केजरीवाल सरकार द्वारा पराली पर किए गए बायो डी-कंपोजर (De-Composer) के छिड़काव का प्रभाव जानने के लिए हरियाणा और पंजाब से वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल आज दिल्ली पहुंचा। विकास मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दोनों राज्यों के प्रतिनिधि मंडल ने केजरीवाल सरकार द्वारा पराली की समस्या के समाधान के लिए उस पर किए गए बायो डी-कंपोजर के छिड़काव के प्रभावों की विस्तृत जानकारी ली।

उन्होंने प्रतिनिधि मंडल से कहा कि केजरीवाल सरकार की तरह ही अन्य राज्य सरकारों को भी पराली गलाने के लिए किसानों को बायो डी-कंपोजर निःशुल्क उपलब्ध करानी चाहिए। राज्य सरकारों को बायो डी-कंपोजर का घोल बनाने के लिए केंद्रीकृत व्यवस्था करनी होगी और हर जिले में एक केंद्र स्थापित करना होगा। हमें उम्मीद है कि पराली की समस्या से निपटने के लिए सभी राज्य सरकारें मिलकर सकारात्मक पहल करेंगी। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने विकास विभाग के अधिकारियों, पूसा के वैज्ञानिकों और इस तकनीक से लाभाविंत किसानों से मुलाकात की और दिल्ली सरकार के प्रयासों की सराहना की।

दिल्ली के विकास मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पराली की समस्या के समाधान के लिए पूसा इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किए गए बायो डी-कंपोजर के पराली पर प्रभाव को जानने के लिए हरियाणा और पंजाब के उच्चाधिकारियों का प्रतिनिधि मंडल दिल्ली पहुंचा। उन्होंने प्रतिनिधि मंडल के साथ बैठक कर इस संबंध में चर्चा की और बायो डी-कंपोजर के प्रभावों के बारे में उन्हें बताया गया।

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प्रतिनिधि मंडल ने दिल्ली के विकास विभाग के अधिकारियों और पूसा संस्थान के वैज्ञानिक के साथ दिल्ली के हिरणकी, पल्ला और जिंदपुर गांव के किसानों से मुलाकात की। किसानों के मुलाकात के बाद पंजाब और हरियाणा के अधिकारी और पूसा संस्थान के वैज्ञानिकों ने दिल्ली के विकास मंत्री गोपाल राय से मुलाकात की। दिल्ली के किसानों ने उन्हें बताया कि बायो डी-कंपोजर के छिड़काव से पराली गल गई और साथ ही साथ उन्हें खाद का कम प्रयोग करना पड़ा है। किसानों ने बताया कि इससे खेत की उर्वरा शक्ति भी अच्छी हुई है। इस अवसर पर पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और विकास मंत्री गोपाल राय ने खुद से किसानों के बीच जाकर पराली जलाने की समस्या के लिए कार्य किया, उससे किसानों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा।

विकास मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पराली जलाने की समस्या के निदान के लिए सभी राज्यों को समंवित प्रयास करना होगा। विकास मंत्री ने दोनों राज्यों के अधिकारियों से कहा कि इसके लिए केन्द्रीकृत व्यवस्था करनी होगी और हर एक जिले में एक केन्द्र स्थापित करना होगा, जिसके द्वारा किसानों को मुफ्त में बायो डी-कंपोजर उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि अन्य राज्य सरकारों को दिल्ली सरकार की तरह पराली गलाने के लिए मुफ्त में बायो डी-कंपोजर उपलब्ध करानी चाहिए। विकास मंत्री ने कहा कि अगर कृषि संस्थान द्वारा कोई अच्छी तकनीकि उपलब्ध कराई जाती है, तो उसको भी अपनाने की जरूरत है।

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इस दौरान गोपाल राय ने बताया कि इसके लिए कम अवधि और अधिक अवधि, दोनों पालिसी बनानी होगी, ताकि पराली जलाने की समस्या को समाप्त किया जा सके। गोपाल राय ने कहा कि पूसा संस्थान के वैज्ञानिक और दिल्ली, हरियाणा व पंजाब के अधिकारी एक संयुक्त टीम बना कर इस पर काम करें, तो पराली का समाधान किया जा सकता है। इस अवसर पर अधिकारियों ने दिल्ली सरकार के प्रयासों की सराहना की।

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