Sikkim Road

रक्षा मंत्री ने पूर्वी सिक्किम में बीआरओ द्वारा निर्मित सड़क को राष्ट्र को समर्पित किया

रक्षा मंत्री ने पूर्वी सिक्किम में बीआरओ द्वारा निर्मित सड़क को राष्ट्र को समर्पित किया, इससे रक्षा तैयारी और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा

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25 OCT 2020 by PIB Delhi

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सिक्किम में राष्ट्रीय राजमार्ग 310 के 0.00 किलोमीटर से 19.350 किलोमीटर तक के 19.85 किलोमीटर लंबी वैकल्पिक सड़क को राष्ट्र को समर्पित किया। पुरानी सड़क के धंसने और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण व्यापक नुकसान झेलने के कारण, यह नई सड़क विशेष रूप से नाथुला सेक्टर में और सामान्य रूप से पूरे पूर्वी सिक्किम में रक्षा तैयारी को बढ़ावा देने के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कड़ी के तौर पर काम करेगी। रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को रिकॉर्ड समय और उत्कृष्ट लागत में उत्कृष्ट गुणवत्ता के बुनियादी ढांचे का निर्माण कार्य पूरा करने को लेकर अटूट प्रतिबद्धता दिखाने के लिए बधाई दी।

रक्षा मंत्री ने कहा कि दूर-दराज के क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास को आगे बढ़ाने की  सरकार की मुहिम से न केवल रक्षा तैयारियों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी मदद मिलेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री की एक्ट नॉर्थ ईस्ट नीति के साथ सड़क के बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर केंद्र के संकल्प को दोहराते हुए बताया कि पिछले दो सालों में वैकल्पिक सड़क का निर्माण काफी तेज गति से हुआ। साल 2009 में शुरू होने के बाद से इस परियोजना में देरी हो रही थी। सिक्किम के मुख्यमंत्री श्री प्रेम सिंह तमांग ने इस नई सड़क के सकारात्मक प्रभाव का उल्लेख किया जो पर्यटन के साथ-साथ राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने पर्यटन के राज्य की अर्थव्यवस्था के मुख्य आधार होने की बात पर जोर देते हुए  सड़क का तेजी से निर्माण करने के लिए बीआरओ और केंद्र सरकार की काफी सराहना की।

पिछले कुछ वर्षों में बीआरओ ने सामग्री, उपकरण और निर्माण तकनीकों में प्रौद्योगिकी के मेल के माध्यम से अपनी क्षमताओं का अभूतपूर्व विस्तार किया है। अटल सुरंग, डीएस-डीबीओ सड़क, राष्ट्रीय राजमार्ग 310 की नई सड़क, रणनीतिक और परिचालन संबंधी तैयारियों की दिशा में बीआरओ द्वारा दिए गए उच्च गुणवत्ता वाले और तेजी से पूरे किए गए नतीजों का उदाहरण हैं।

रक्षा मंत्री ने बीआरओं द्वारा पूरी की जाने वाली आगामी परियोजनाओं का भी उल्लेख किया और विश्वास जताया कि आत्मनिर्भर भारत का मिशन आने वाले वर्षों में काफी तेजी से आगे बढ़ेगा।

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