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Delhi high court: दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को दिल्ली सरकार के साथ मिलकर ऑक्सीजन टैंकरों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए

Delhi high court: हाईकोर्ट ने दिल्ली को ऑक्सीजन कोटा आसपास के प्लांटों से मुहैया कराने के संबंध में केंद्र सरकार को तुरंत पुर्नविचार करने के लिए कहा*

उच्च न्यायालय (Delhi high court) ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली को ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए करीब वाले प्लांटों का आवंटन सुनिश्चित करे, ताकि टैंकर अधिक संख्या में चक्कर लगा सकें

रिपोर्ट: महेश मौर्य, दिल्ली

नई दिल्ली, 24 अप्रैल: Delhi high court: दिल्ली उच्च न्यायालय में आज हुई सुनवाई में दिल्ली सरकार ने कहा कि 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के बजाए 23 अप्रैल को केवल 309 मीट्रिक टन मिला है। दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी का मुख्य कारण यही है। ऐसा लगातार हो रहा है कि दिल्ली को अपने दैनिक कोटे से कम ऑक्सीजन मिल रही है। दिल्ली सरकार ने कहा कि इस समस्या का मूल कारण यह है कि केंद्र सरकार की संशोधित आवंटन योजना में पहली बार दिल्ली को 102 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति ओडिशा और पश्चिम बंगाल में स्थित संयंत्रों से आवंटित की गई है। दिल्ली से इन संयत्रों की दूरी एक हजार किलोमीटर से अधिक है। केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन टैंकरों का इंतजाम किए बिना प्लांटों का आवंटन किया है। दिल्ली सरकार के साथ किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं की गई।

इसके बाद उच्च न्यायलय (Delhi high court) ने 23 अप्रैल को सॉलिसिटर जनरल को निर्देश दिया कि केंद्र सरकार इस आवंटन  योजना पर पुर्नविचार करे और सुनिश्चित किया जाए कि दिल्ली को करीब वाले ऑक्सीजन प्लांटों का आवंटन किया जाए ताकि एक टैंकर अधिक संख्या में चक्कर लगा सके।

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दिल्ली सरकार ने बताया कि 21 अप्रैल 2021 से पहले दिल्ली को आइनोक्स संयंत्र से 140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित थी। इसके अलावा 15 और 16 अप्रैल को आइनोक्स ने 140 मीट्रिक टन और 160 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की। लेकिन 21 अप्रैल को केंद्र सरकार द्वारा जारी संशोधित प्लांट आवंटन योजना में आस-पास के आईनोक्स संयत्रों से ऑक्सीजन आपूर्ति कम कर 100 मीट्रिक टन कर दी गई। वहीं काफी दूर वाले प्लांटों से दिल्ली को 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति का आवंटन किया गया, जहां से आपूर्ति संभव नहीं है। दिल्ली के ऑक्सीजन कोटे और वास्तविक ऑक्सीजन की आपूर्ति के बीच अंतर का मुख्य कारण गलत आवंटन है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने पर फटकार लगायी, दिल्ली सरकार के साथ मिलकर क्रायोजेनिक टैंकरों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए

दिल्ली हाइकोर्ट (Delhi high court) की ओर से 24 अप्रैल को सुनवाई की गई। दिल्ली हाइकोर्ट ने केंद्र से पूछा कि दूर के प्लांटों से ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए पर्याप्त टैंकरों की व्यवस्था क्यों नहीं की गई है। केंद्र ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया और कहा कि राज्य को टैंकरों की व्यवस्था करनी चाहिए।

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इसके बाद दिल्ली सरकार ने तथ्यात्मक स्थिति हाइकोर्ट (Delhi high court) के सामने पेश कर बताया कि देश भर में आज की तारीख में क्रायोजेनिक टैंकरों की भारी कमी है। केद्र की जिम्मेदारी है कि वो प्रत्येक राज्य की क्षमता के हिसाब से टैकरों का आवंटन करे और यदि आवश्यक हो तो दूसरे देशों से टैंकरों का आयात करे। इसके अलावा दिल्ली एक गैर-औद्योगिक राज्य है। इसके पास अन्य औद्योगिक राज्यों की तरह क्रायोजेनिक टैंकरों का बड़ा बेड़ा नहीं है। केद्र सरकार के अधिकारियों ने ठोस जवाब देने और जिम्मेदारी निभाने की बजाए कहा कि कुछ राज्य टैंकरों को लेकर अपनी आवश्यकता को खुद पूरी कर रहे हैं। दिल्ली को भी अपनी आवश्यकता खुद पूरी करनी चाहिए।

दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi high court) ने केंद्र सरकार को इस रवैये के लिए फटकार लगायी है। केंद्र को दिल्ली सरकार के साथ मिलकर काम करने और किसी भी संभव तरीके से पर्याप्त संख्या में क्रायोजेनिक टैंकरों की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। दिल्ली सरकार ने हाइकोर्ट को आश्वासन दिया कि क्रायोजेनिक टैंकरों के संबंध में केंद्र के साथ मिलकर काम करेगी। इसके अलावा दिल्ली का मेडिकल ऑक्सीजन कोटा आसपास के राज्यों के प्लांटों से आवंटित करने की केंद्र से पुन मांग करेगी।

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