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गंगा (Ganga) की अविरलता एवं निर्मलता के लिए नालों को करना होगा बंद- प्रोफेसर विश्वम्भर नाथ मिश्र

(Ganga)

प्रोफेसर विश्वम्भर नाथ मिश्र ने कहा कि गंगा (Ganga) को अविरल एवं निर्मल करने हेतु गंगा में गिरने वाले सभी नालो को बंद करना ही होगा

वाराणसी, 23 मार्चः विश्व जल दिवस के अवसर पर तुलसी घाट पर संकट मोचन फाउंडेशन एवं मदर्स फॉर मदर के संयुक्त तत्वावधान में एक विचार गोष्ठी एवं दीप दान कार्यक्रम का आयोजन हुआ। समारोह को संबोधित करते हुए पर्यावरणविद एवं संकट मोचन फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर विश्वम्भर नाथ मिश्र ने कहा कि गंगा को अविरल एवं निर्मल करने हेतु गंगा में गिरने वाले सभी नालो को बंद करना ही होगा। उन्होंने कहा की वाराणसी में गंगा के प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण असि नदी एवं वरुणा नदी से आ रहे मल जल का पानी है।

गंगा तो हमारी पहले की तरह साफ एवं निर्मल है उसे प्रदूषित बना रही हैं इन दोनों नदियों से आए हुए नालों का मल जल। हम को सबसे पहले इन दोनों नदियों से आ रहे मल जल को साफ करना होगा और फिर शोधित कर पानी गंगा में छोड़ना होगा तभी गंगा स्वच्छ होगी। उन्होंने कहा कि आज गंगा सफाई के नाम पर गंगा के प्राकृतिक व्यवस्थाओं से छेड़छाड़ किया जा रहा है। गंगा उस पार बनाए जा रहे चैनल पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि रामनगर से राजघाट तक बनने वाले चैनल से गंगा घाटों को छोड़ देंगी।

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समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रदेश के राज्य मंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि काशी कुंडो, तालाबों एवं नदियों का शहर हुआ करता था। लेकिन धीरे-धीरे सब समाप्त हो रहे हैं। आज सिर्फ एक नदी गंगा ही बची है। गोष्ठी को संबोधित करते हुए संकट मोचन फाउंडेशन के संस्थापक निदेशक प्रोफेसर एस एन उपाध्याय ने कहा कि आज हम विश्व जल दिवस मनाने के लिए गंगा तट पर उपस्थित है। लेकिन आज हमें सोचना होगा कि हम गंगा के लिए क्या कर रहे हैं। आने वाले समय में हमारे लिए पीने का पानी का संकट बहुत बड़ा होगा। मां गंगा अगर स्वच्छ एवं निर्मल होंगी तो हमें पानी ही नहीं हमारा जीवन भी बचेगा।

गोष्ठी को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि प्रोफ़ेसर परमेश्वर दत्त शुक्ल ने कहा कि पानी के बिना जीवन बेमानी है। जन्म से लेकर मृत्यु तक पानी की हमें जरूरत है। अगर पानी नहीं रहेगा तो फिर यह जिंदगानी भी नहीं बचेगी। कार्यक्रम का संचालन करते हुए ख्याति प्राप्त न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर विजय नाथ मिश्र ने कहा कि आज हम संकल्प करें कि अपने जल स्रोतों को बचाने के लिए प्रयास करेंगे और लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करेंगे। धन्यवाद मदर फॉर मदर की संस्थापक अध्यक्ष श्रीमती आभा मिश्रा ने किया।

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अंत में उपस्थित अतिथियों एवं गणमान्य लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मानव श्रृंखला बनाकर दीपदान किया और गंगा का पूजन अर्चन किया। इस अवसर पर तुलसी विद्या निकेतन के प्रिंसिपल डॉ एसके श्रीवास्तव, जागृति फाउंडेशन के महासचिव राम यश मिश्रा, राजेश कुमार मिश्रा, अशोक कुमार पांडे, गोपाल पांडे, समाजसेवी रमेश मिश्र, राघवेंद्र पांडे, नरेंद्र त्रिपाठी, विनोद पांडे, राजू दीक्षित सहित काफी संख्या में गंगा प्रेमी उपस्थित थे।

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