लॉकडाउन के बावजूद पश्चिम रेलवे द्वारा 274 पार्सल विशेष ट्रेनों के ज़रिये 41 हज़ार टन अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन

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पहली तस्वीर में राजकोट मंडल के सुरेंद्रनगर स्टेशन पर एक पार्सल विशेष ट्रेन में हो रही लोडिंग का दृश्य और दूसरी तस्वीर में एक मालगाड़ी में अम्बाला से पालनपुर स्टेशन पर पहुॅंची चावल की बोरियों को उतारते हुए मजदूर।

मुम्बई, 28 मई 2020
पश्चिम रेलवे के लिए यह एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है कि ऐसे कठिन समय के दौरान, जब पूरे देश में COVID-19 के कारण लॉकडाउन घोषित किया गया है, पश्चिम रेलवे ने अपनी पार्सल स्पेशल ट्रेनों के ज़रिये अत्यावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में महत्त्वपूर्ण योगदान देकर अपनी उत्कृष्टता एक बार फिर साबित कर दी है। । हमेशा की तरह, अपने सर्वोत्तम सम्भव प्रयासों के साथ, पश्चिम रेलवे अपने स्पेशल दूध रेकों और विशेष पार्सल ट्रेनों के माध्यम से देश भर में दूध, दुग्ध उत्पादों, खाद्यान्नों, जीवनावश्यक दवाइयों, चिकित्सा उपकरणों आदि अत्यावश्यक वस्तुओं के निरंतर परिवहन को बखूबी सुनिश्चित कर रही है। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा 41 हजार टन से अधिक वजन वाली अत्यावश्यक सामग्री को 274 पार्सल विशेष गाड़ियों के जरिये ले जाया गया, जिनसे 12.43 करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई। कोविड 19 महामारी के कारण घोषित लॉकडाउन के बावजूद, श्रमिकों और परिवहन की तमाम मुश्किल चुनौतियों को हराते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 में, 26 मई, 2020 तक, पश्चिम रेलवे द्वारा कंटेनर और गैर-कंटेनर लोडिंग के अंतर्गत 4230 रेकों का संचालन किया गया, जिनके फलस्वरूप लगभग 952 करोड़ रु की आय अर्जित हुई है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविन्द्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अप्रैल 2020 में, 18 हज़ार टन से अधिक लोड के साथ 131 पार्सल विशेष रेलगाड़ियाँ चलाई गईं, जिनसे लगभग 5.74 करोड़ रुपये की आय हुई। इसी तरह, मई के महीने में, 26 मई 2020 तक, 135 पार्सल विशेष गाड़ियों के परिचालन से 5.48 करोड़ रुपये से अधिक कमाई हुई। लॉकडाउन के बाद से यानी 23 मार्च से 26 मई, 2020 तक पश्चिम रेलवे द्वारा परिचालित कुल 274 पार्सल स्पेशल ट्रेनों में मुख्य रूप से कृषि उपज, दवाइयां, मछली, दूध इत्यादि की 41 हजार टन से अधिक सामग्री का परिवहन किया गया और इससे 12.44 करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई है। इस परिवहन के तहत, वेस्टर्न रेलवे द्वारा 24 हजार टन से अधिक भार और वैगनों के 100% उपयोग के साथ, लगभग 4.17 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ तैंतीस दुग्ध विशेष ट्रेनें चलाई गईं। इसी प्रकार, 237 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियाँ भी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके लिए अर्जित आय 7.48 करोड़ रु. से अधिक थी। इनके अलावा, लगभग 78 लाख रु. की आय के लिए 100% उपयोग के साथ 4 इंडेंटेड रेक भी चलाए गए। श्री भाकर ने बताया कि 22 मार्च से 27 मई, 2020 तक, मालगाड़ियों के कुल 4729 रेकों का उपयोग भी 9.60 मिलियन टन की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है। 9336 मालगाड़ियों को अन्य रेलवे के साथ जोड़ा गया, जिनमें 4688 ट्रेनें सौंपी गईं और 4648 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकरों (आरएमटी) के 275 मिलेनियम पार्सल रेकों को आवश्यक सामग्री जैसे दूध पाउडर, तरल दूध, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं की मांगों का सामना करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया है। 27 मई, 2020 को देश के विभिन्न भागों के लिए दूध की एक रेक सहित आठ पार्सल विशेष गाड़ियाँ पश्चिम रेलवे से रवाना हुईं, जिनमें मुंबई सेंट्रल – फिरोजपुर, ओखा – बांद्रा टर्मिनस, दादर – भुज, बांद्रा टर्मिनस – ओखा, राजकोट – कोयंबटूर, कांकरिया – कटक और करमबेली – नई गुवाहाटी विशेष ट्रेनें शामिल हैं। दूध की रेक पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए रवाना हुई। उन्होंने बताया कि मार्च, 2020 के बाद से उपनगरीय और गैर-उपनगरीय खंडों सहित सम्पूर्ण पश्चिम रेलवे की कुल आय में लॉकडाउन के कारण हुआ अनुमानित नुक़सान 1046.37 करोड़ रुपये रहा है। इसके बावजूद, पश्चिम रेलवे ने टिकटों के निरस्तीकरण के फलस्वरूप 284.47 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 135.98 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 43.60 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी रिफंड राशि प्राप्त की है।
पश्चिम रेलवे पर श्रमिक स्पेशल ट्रेनें
वेस्टर्न रेलवे ने 2.5.2020 से 26.5.2020 तक 1098 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया है, जो लगभग 16.39 लाख यात्रियों को उनकी मंज़िलों तक पहुंचा चुकी हैं। 26 मई, 2020 को, पश्चिम रेलवे ने 68 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया, जिनमें गुजरात से 48 और महाराष्ट्र से 20 ट्रेनें चलाई गईं। इन श्रमिक विशेष ट्रेनों में से बिहार के लिए 15 ट्रेनें चलीं, जबकि उत्तर प्रदेश के लिए 35, उड़ीसा (7), पश्चिम बंगाल (4), झारखंड (3) तथा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल और असम के लिए एक-एक श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई गईं। 26 मई, 2020 को पश्चिम रेलवे के मुंबई उपनगरीय क्षेत्र के विभिन्न स्टेशनों में से बांद्रा टर्मिनस से 7, बोरीवली से 6 और वसई रोड से 7 ट्रेनों का परिचालन किया गया।
◆ मिशन फूड़ डिस्ट्रिब्यूशन
श्री भाकर ने बताया कि आईआरसीटीसी और विभिन्न एनजीओ के साथ मिलकर पश्चिम रेलवे ने सुनिश्चित किया है कि अधिकतम ज़रूरतमंदों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाये। मिशन फूड डिस्ट्रिब्यूशन के दौरान, पश्चिम रेलवे के वाणिज्यिक विभाग, RPF, IRCTC और NGO द्वारा 27 मई, 2020 तक पिछले 60 दिनों में पश्चिम रेलवे के सभी 6 मंडलों में लगभग 5.95 लाख ज़रूरतमंद और असहाय व्यक्तियों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया गया है। 27 मई 2020 को, पश्चिम रेलवे के सभी 6 डिवीजनों में कुल 2655 निःशुल्क भोजन पैकेट ज़रूरतमंद व्यक्तियों को वितरित किए गए। भोजन का वितरण पश्चिम रेलवे के वाणिज्यिक स्टाफ, कैटरिंग ठेकेदार, चैरिटेबल ट्रस्ट और एनजीओ द्वारा किया जा रहा है।
सबकी सुरक्षा सदैव सर्वोपरि
श्री भाकर ने बताया कि 26 मई, 2020 तक 1.59 लाख से अधिक मास्क और 20600 लीटर से अधिक सैनिटाइज़र लॉकडाउन की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे के सभी 6 डिवीजनों और कार्यशालाओं द्वारा तैयार किये गये हैं। पश्चिम रेलवे के मुंबई सेंट्रल डिवीजन ने रिकॉर्ड 42000 मास्क बनाये हैं। उसके बाद दाहोद वर्कशॉप ने 39700 और रतलाम डिवीजन ने 37130 मास्क बनाये हैं। रतलाम डिवीजन ने सबसे अधिक मात्रा में 10300 लीटर सैनिटाइज़र तैयार किया। मुंबई सेंट्रल मंडल ने 3136 लीटर और दाहोद कार्यशाला ने 2080 लीटर सैनिटाइज़र तैयार किया। अहमदाबाद डिवीजन ने 13156 मास्क और 2174 लीटर सैनिटाइज़र बनाया, वडोदरा डिवीजन ने 8427 मास्क, लोअर परेल वर्कशॉप ने 6600 मास्क और 410 लीटर सैनिटाइज़र, भावनगर डिवीजन ने 5492 मास्क और 215 लीटर सैनिटाइज़र, भावनगर वर्कशॉप ने 2755 मास्क और 215 लीटर सैनिटाइज़र, राजकोट मंडल ने 2000 मास्क और 2000 लीटर सैनिटाइज़र, महालक्ष्मी कार्यशाला ने 970 मास्क और 60 लीटर सैनिटाइज़र तथा प्रताप नगर कार्यशाला ने 850 मास्क और 285 लीटर सैनिटाइज़र तैयार किया। इन मास्कों और सैनिटाइज़र का सदुपयोग डिवीजनों और कार्यशालाओं में किया जा रहा है। कर्मचारियों को मास्क का उपयोग करने और उन्हें सुरक्षित रखने के क्रम में सैनिटाइज़र के लगातार उपयोग से अधिकतम सावधानी बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। उल्लेखनीय है कि रेलवे कर्मचारियों के कई परिवारजनों ने भी पश्चिम रेलवे की समूची बिरादरी की सुरक्षा के लिए घरेलू स्तर पर मास्क बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।