बैंक हड़ताल (Bank strike) से एक हजार करोड़ का ट्रांजेक्शन होगा प्रभावित
बैंक हड़ताल (Bank strike) से एक हजार करोड़ का ट्रांजेक्शन होगा प्रभावित
धनबाद, 15 मार्चः बैंकों का प्राइवेटाइजेशन करने के केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वाहन पर दो दिवसीय देश्वयापी बैंक हड़ताल सोमवार से शुरू हुई। बैंक हड़ताल (Bank strike) की वजह से सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों में ताले लटके है। धनबाद में भी हड़ताल को सफल बनाने में बैंक यूनियन अपना योगदान दे रहे है। बैंक मोड़ एसबीआई मेन ब्रांच के सामने यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले कर्मचारियों ने निजीकरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया।
यूनियन के संयोजक प्रभात चौधरी ने बताया सरकार बैंकों का निजीकरण करके उसे कॉरपोरेट घरानों को देना चाहती है। यह वह कॉरपोरेट घराने है जिन्होंने बैंकों से ऋण लिया पर बैंकों का ऋण चुकाया नहीं। विजय माल्या, नीरव मोदी ऐसे अनेकों नाम है जिन्होंने ऋण चुकता नहीं किया है। ऐसे 78 प्रतिशत कॉरपोरेट हाउस है। उनकी वजह से बैंकों का एनपीए बढ़ा है। इस परिस्थिति में ग्रामीण शाखाएं बंद होंगी, कृषि ऋण में कमी आएगी, छोटे एवं मध्यम आकार के उद्योगों, व्यापारियों को कम ऋण मिलेगा।
विद्यार्थियों को दी जानेवाली शिक्षा ऋण में कटौती होगी। युवाओं के रोजगार के अवसर कम हो जाएंगे। राष्ट्रीयकृत बैंक देश हित के लिए काम करती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि देशभर में 97 प्रतिशत जनधन खाता राष्ट्रीयकृत बैंकों ने खोला। प्राइवेट बैंकों का जनधन खाता खोलने का महज 3 प्रतिशत है। आज एनपीए 16 लाख करोड़ रु है। यह जानकर हैरानी होगी कि इस 16 लाख करोड़ में सरकार ने अबतक 8 लाख करोड़ खराब ऋण माफ कर चुकी है।
2019 -20 में ही 1 लाख 96 हजार करोड़ रु ऋण माफी की गई है। उन्होंने बताया धनबाद में राष्ट्रीयकृत बैंकों की 250 शाखाएं है। हड़ताल की वजह से अनुमानित प्रत्येक बैंकों में 2 करोड़ के ट्रांजेक्शन दो दिनों में प्रभावित होंगे। इस आंकड़े के अनुसार दो दिन में एक हजार करोड़ का ट्रांजेक्शन प्रभावित होगा।
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