Inter Locking 2

डीजल शेड, वटवा ने बनाया भारतीय रेल का पहला ओवर हेड वायर इंटरलॉकिंग सिस्टम

अहमदाबाद, 23 सितम्बर: पश्चिम रेलवे के अहमदाबाद मण्डल के डीजल शेड, वटवा में वर्तमान में डीजल इंजिन के साथ साथ इलेक्ट्रिक इंजिन का भी रखरखाव किया जा रहा है|  इस हेतु डीजल शेड, वटवा में ओवर हेड लाइन बिछाई गयी है जो की 25 किलो वोल्ट के हाई वोल्टेज पर चार्ज रहती है| इंजिन के मेंटेंनेंस  के समय रेल कर्मियों को अक्सर इंजिन की छत पर चढ़ना पड़ता है, जिसके कारण  बिजली की ओवर हेड लाइन में  हाई वोल्टेज करंट से दुर्घटना का खतरा हमेशा बना रहता है| इसके लिए भारतीय रेलवे में सर्वप्रथम बार डीजल शेड, वटवा द्वारा अनुभवी व होनहार तथा कर्मठ रेल कर्मियों की लगन व कड़ी मेहनत से एक इंटरलॉकिंग सिस्टम की खोज की गई है|

मण्डल रेल प्रबंधक श्री दीपक कुमार झा ने शेड की इस सुनहरी उपलब्धि पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए बताया कि इस सिस्टम में इंजन की छत पर चढ़ने हेतु प्रयोग होने वाली सीढ़ी लॉक अवस्था में रहती है| ओवर हेड लाइन के आइसोलेट होने तथा लाइन के दोनों सिरों की ग्राउंडिंग होने के पश्चात सीढ़ी का लॉक अपने आप खुल जाता है तथा इसके पश्चात ही सीढ़ी को इंजन की छत पर चढ़ने हेतु उपयोग में लिया जा सकता है| इसी प्रकार जब सभी कर्मचारी इंजन की छत से नीचे उतरकर ग्राउंडिंग रॉड तथा सीढ़ी को पुनः अपने निर्धारित स्थान पर रखकर लॉक नहीं करते है तब तक ओवर हेड लाइन दोबारा चार्ज नहीं होती है| इससे रेल कर्मी सुरक्षित रहते है । डीजल शेड कर्मचारी प्रायः ओवर हेड लाइन के नीचे कार्य करने के आदी नहीं होते है जिसके कारण कर्मचारियों में दुर्घटना का भय हमेशा बना रहता है|

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उपरोक्त सिस्टम के लगाए जाने  से ओवर हेड लाइन के कारण होने वाली दुर्घटना की संभावना नहीं होगी तथा कर्मचारी निडर होकर इंजिन का मेंटेनेंस का कार्य कर सकेंगे| उन्होंने यह भी बताया की उपरोक्त इंटरलॉकिंग सिस्टम को शेड में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए शेड में ही विकसित किया गया है, जिसके कारण इस सिस्टम को स्थापित करने में लगने वाली लागत बहुत कम रही है|
    उन्होनें वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर श्री आर. एन. भारद्वाज व सहायक मण्डल यांत्रिक इंजीनियर श्री मेघराज तातेड़ व उनकी पूरी टीम को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर बधाई देते हुए उन्हें उच्च स्तर पर पुरस्कार देने की भी घोषणा की ।