Funeral: जिसका कोई नही, उसका सोहराब है यारों
funeral: सोहराब खान अपने सहयोगियों के साथ अब तक करीब 180 लावारिश शवों का अंतिम संस्कार कर चुके है।
रिपोर्ट: शैलेश रावल
धनबाद, 04 जून: Funeral: “जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों” यह पंक्तियां बहुत प्रचलित है परंतु “जिसका कोई नही, उसका सोहराब है यारों” यह पंक्तियां धनबाद के समाजसेवी सोहराब खान पर लागू होती है। सोहराब और उनके मित्र अजय नारायण लाल तथा अन्य सहयोगियों ने न जाने कितने अज्ञात का मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया है।
इसी कड़ी में आज नया बाज़ार, सुभाष चौक के समीप लगभग 60 वर्षीय एक अज्ञात बुज़ुर्ग का शव एक दुकान की शेड के नीचे पड़ा मिला। आस पास के दुकानदारों ने इसकी सूचना बैंक मोड़ थाना को दी। सूचना मिलने पर ए.एस.आई सोमा ओरांव, मो. इरफान अहमद के द्वारा पूछ-ताछ करने पर मालूम हुआ की बुज़ुर्ग व्यक्ति माँग-खा कर अपनी ज़िन्दगी बसर करता था। उसके आगे पीछे कोई सगा संबंधी नही है।
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बैंक मोड़ प्रशासन द्वारा शव का पंचनामा कर कागज़ी कारवाई पूरी करके पुराना बाज़ार चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व-अध्यक्ष सह सामाजिक कार्यकर्ता सोहराब खान को सूचना दी। (Funeral) शव का धार्मिक शिनाख्त करने एवं कानूनी कारवाई होने के बाद सोहराब खान अपने सहयोगी मित्रों इमरान अली, अफ़रोज़ खान, तनवीर अंसारी, शाहिद आलम एवं मोनू आलम द्वारा पूरे सम्मान और पूरे धार्मिक रीति-रिवाज से अज्ञात बुजुर्ग का रांगातांड कब्रस्तान में ज़नाज़े की नामज़ अदा करने के बाद सुपुर्द-ए-ख़ाक कर दिया।
उल्लेखनीय है कि कोयलांचल में सोहराब खान लावारिश लाशों के उसके धार्मिक पहचान के साथ पूरी रीति-रिवाज़ से अंतिम संस्कार करने लिए और अपने सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं। सोहराब खान अपने सहयोगियों के साथ अब तक करीब 180 लावारिश शवों का अंतिम संस्कार (Funeral) कर चुके है। पूछने पर सोहराब खान कहते है “जिसका कोई नही, उसका तो बस खुदा है यारों” और वही खुदा, ईश्वर के द्वारा हमें ऐसे नेक कामों के लिए चुन लिया जाता है और मैं एक कोशिश करता हूँ अपने हिस्से की इंसानियत अदा करने की।