Pavan Kheda

ये खुलासा है वाट्सऐप और भाजपा के बीच के घनिष्ठ संबंधो का:पवन खेड़ा

Pavan Kheda
श्री पवन खेड़ा, AICC के राष्ट्रीय प्रवक्ता और श्री प्रवीण चक्रवर्ती ने आज AICC मुख्यालय में मीडिया को संबोधित किया।

नई दिल्ली, 29 अगस्त:पवन खेड़ा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 10 दिनों में भारतीय जनता पार्टी एवं फेसबुक के जो रिश्ते हैं, घनिष्ठ संबंध हैं, उसके खुलासे आपके सामने हुए, अलग-अलग प्लेटफार्म से हुए, मीडिया के जरिए हुए, हमारे जरिए हुए। ये एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। एक और अंतर्राष्ट्रीय मैगजीन ने एक नया खुलासा किया है और ये खुलासा है वाट्सऐप और भाजपा के बीच के घनिष्ठ संबंधो का। 40 करोड़ हिंदुस्तानी वाट्सऐप का प्रयोग करते हैं, हम और आप, हमारी निर्भरता वाट्सऐप पर है और अब तो ये स्थिति है कि वाट्सऐप एक प्रमुख स्त्रोत बन गया है, खबरों का, फारवर्ड का, ज्ञान बांटने का, हर तरह का। टी.वी. और उन तमाम माध्यमों से आगे बढ़कर अब लोगों की वाट्सऐप पर निर्भरता बढ़ गई है। जैसे मैंने आपको बताया कि 40 करोड़ भारतीय वाट्सऐप पर निर्भर करते हैं। पिछले सप्ताह फेसबुक की भारत में सबसे आला अधिकारी अंखी दास के विषय में हमने चर्चा की थी। आज एक नए व्यक्ति, एक नई चर्चा के साथ हम आपके सामने आए हैं। इनका शुभ नाम है श्री शिवनाथ ठुकराल साहब।


शिवनाथ ठुकराल साहब अब वाट्सऐप के आला अधिकारी हैं हिंदुस्तान में और इससे पहले वो फेसबुक के नंबर दो के आला अधिकारी थे अब तक। उससे पहले 2013 में जब मोदी जी प्रधानमंत्री बनने का ताना-बाना बुन रहे थे, तब ये भारतीय जनता पार्टी के कैंपेन से जुड़े हुए प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे, इनका नाम है – शिवनाथ ठुकराल। ये एक अंतर्राष्ट्रीय मैगजीन ने खुलासा किया है, जिसके तहत ये मालूम पड़ता है कि 2013 में जो वेबसाइट थी भाजपा की, ऊपर से नाम था – ‘मेरा भरोसा’, मैं उदाहरण दे रहा हूं फेसबुक पेज था, वेबसाइट था – ‘मेरा भरोसा’। जिसमें मतदाताओं को, नौजवान फर्स्ट टाइम वोटर को जागरुक करने का इनिशेटिव बताया जाता था, एक ‘प्रयास’ था। ये शिवनाथ ठुकराल जी इस वेबसाइट को देखते थे। 2014 में चुनाव से पहले, 2014 में आते-आते इस वेबसाइट का नाम बदल जाता है – ‘मोदी भरोसा’। तो तमाम वॉलंटियर, जिनको शिवनाथ ठुकराल जी ने ‘मेरा भरोसा’ के साथ जोड़ा, 2014 में वो ‘मोदी भरोसा’ हो गए और वो तमाम वॉलंटियर जो जोड़े थे, बड़े उत्साह के साथ जोड़े थे कि पहली बार हम वोट देंगे और वोटर को जागरुक होना चाहिए, वो जागरुकता के लिए जो जोड़े थे, अब वो ‘मोदी भरोसा’ कैंपेन में जुड़ गए थे।


मई, 2020 में जो प्रमुख सुरक्षा अधिकारी फेसबुक के थे एलेक्स स्टामोस(Alex Stamos), उन्होंने ट्वीट किया और मैं उनका ट्वीट बताता हूं आपको कि जो लोकल पॉलिसी हैड हर मुल्क में बनाए जाते हैं, जो कि शिवनाथ ठुकराल या अंखी दास इनके पद हैं, वो जो रुलिंग पार्टी है, सत्ताधारी पार्टी है, उससे जुड़े हुए लोगों को ही बनाया जाता है, ये उनका अपना खुलासा है। एलेक्स स्टामोस कहते हैं कि स्वाभाविक है कि इस तरह से जब अपोयंटमेंट होती है तो निर्णय जो कंपनी लेती है, फेसबुक की बात कर रहे हैं वो, वो निर्णय का झुकाव सत्ताधारी पार्टी की तरफ हो ही जाता है। मुख्य सुरक्षा अधिकारी फेसबुक के एलेक्स स्टामोस अपने ट्वीट में लिखते हैं क्योंकि सत्ताधारी पार्टी से जुड़े हुए लोगों को ही ऐसे अहम पदों पर बैठाया जाता है, तो निर्णय जो कंपनी लेती है, वो निर्णय सत्ताधारी पार्टी की तरफ उन निर्णयों का झुकाव हो जाता है, कंपनी का झुकाव हो जाता है। ये स्वंय एक तरह से बता रहे हैं। जो लोबिंग करनी पड़ती है इन कंपनी को, तो वो लोबिंग के लिए ऐसे ही व्यक्ति को रखा जाता है, जो सत्ताधारी पार्टी के करीब हो। इसी वजह से आपको उदाहरण पिछले सप्ताह भी दिए कि जो घृणात्मक भाषण थे, हेट स्पीच थी भाजपा के नेताओं की, वो फेसबुक हटाने में ना केवल असफल रही, फेसबुक हटाना नहीं चाहती थी, क्योंकि उनका झुकाव भी था, उनके आला अधिकारियों का झुकाव भाजपा की तरफ है और शायद, शायद नहीं, स्पष्ट हो गया है। इसी वजह से उनको फेसबुक ने अपनी कंपनी में आला अधिकारी बना कर रखा।


अब यही शिवनाथ ठुकराल को फेसबुक ने वाट्सऐप के एक आला पद पर बैठा दिया है, ऊंचे पद पर बैठा दिया है। वाट्सऐप पर तो हिंदुस्तान के बारे में प्रोजेक्शन है, जो उनका सपना है, वो ये नहीं है कि मैं और आप सिर्फ संदेशों का आदान-प्रदान करें वाट्सऐप के माध्यम से, वो एक प्रयास कर रहे हैं पिछले 2-3 सालों से कि वाट्सऐप पे नाम का एक काम शुरु करें, जिसमें पेमेंट का प्लेटफार्म बन जाए, जैसे कि और प्लेटफार्म हैं, जहाँ आप मोबाईल में वाट्सऐप पर क्लीक करके अपना जो भी आपको खरीद-फरोख्त करनी है, वो कर सकते हैं। उसका लाईसेंस देने का काम सरकार का होता है और उस पर वाट्सऐप इस सरकार को खुश रखने के लिए सबकुछ करेगा, ताकि वो लाईसेंस इनको मिल जाए, करोंडों-अरबों का ये काम है। इस काम के लिए उन्होंने अब शिवनाथ ठुकराल जी की सेवाएं वाट्सऐप के लिए सुपुर्द कर दी कि अब आप संभालिए, अब आप ये लाईसेंस दिलवाईए, क्योंकि उन्होंने फेसबुक में रहते हुए जो सेवाएं भाजपा को दी, मोदी जी को दी, मोदी जी के जिसको अंग्रेजी में कहते हैं ईको सिस्टम को दी, उससे प्रेरित होकर अब उन्हें वाट्सऐप पर लाया गया है कि अब आप यहाँ भी खुश करिए सरकार को कि सरकार खुश होकर हमें लाईसेंस दे दे, वाट्सऐप पे लाईसेंस दे दे।


ये बड़ा स्पष्ट हो गया है, इन खुलासों से कि 130 करोड़ हिंदुस्तानियों के साथ जो धोखा हुआ है, इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों ने मिलकर मोदी जी के साथ, भाजपा के साथ मिलकर। मैंने आपको पिछले सप्ताह स्वंय बताया था कि कैसे चुनाव आयोग तक पर दबाव डाला गया है, 2019 के चुनाव से पहले, चुनाव आयोग ने खुद एक स्टेटमेंट दिया था कि फेसबुक से जो उनका पार्टनरशिप है, वो रद्द करना चाहते हैं क्योंकि फेसबुक डेटा को कॉम्प्रोमाइज कर देता है, डेटा को लीक कर देता है। लेकिन चार दिन के भीतर-भीतर चुनाव आयोग ने अपना ही स्टेटमेंट पलटा कि वो कर रहा होगा लीक, लेकिन हम अपनी पार्टनरशिप इनके साथ चालू रखेंगे, जारी रखेंगे। ये क्या दवाब था, किसका दवाब था, इसका उत्तर आपको मालूम है, मुझे भी मालूम है, पूरे देश को मालूम पड़ गया है।हमारे कुछ प्रश्न हैं, कुछ मांगे हैं। हमारी पहले जो मांग रही थी, पिछले 10 दिन में हमने मांग की, उसको हम दोहरा रहे हैं। एक ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी का गठन तुरंत किया जाए, ताकि ये जो लिंक है, जो सामंजस्य आपस में फेसबुक के आला अधिकारियों का, वाट्सऐप के आलाअधिकारियों का इस भारतीय जनता पार्टी की सरकार के साथ जो संबंध है, उसका खुलासा, उसकी जांच निर्बाध तरीके से हो सके। क्योंकि ये बहुत महत्वपूर्ण ये जानना कि किस तरह से आप उसी सामांजस्य, आपसी समन्वय को हिंदुस्तान में जो अलग-अलग समुदायों का समन्वय है, उसको तोड़ने का प्रयास किया गया और उसमें शामिल सक्रिय रुप से शामिल फेसबुक और वाट्सऐप रहे हैं।

आप वाट्सऐप को पेमेंट का लाईसेंस प्लेटफार्म बनने का लाईसेंस देने वाले हैं। हम ये मांग करते हैं कि ये लाईसेंस देने से पहले आप आश्वस्त करिए इस देश के 40 करोड़ ऐसे उपभोक्ताओं को, जो वाट्सऐप का प्रयोग करते हैं कि उनका डेटा, बड़ा महत्वपूर्ण डेटा होता है, जब आपकी बैंकिंग डिटेल, आपके तमाम पैसे की, आपकी इनवेस्टमेंट, सब कुछ आपके मोबाईल पर होता है, बड़ा महत्वपूर्ण होता है कि वो डेटा जो है, सुरक्षित रहे।

कोई भरोसा अब नहीं रहा फेसबुक और वाट्सऐप पर इस देश के किसी भी व्यक्ति को कि उनका डेटा इनके पास सुरक्षित है, अगर आप भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ताओं को अपने यहाँ आला पद पर बैठाते हैं, तो आप पर कोई कैसे भरोसा करेगा, इस सरकार पर कोई कैसे भरोसा करेगा? जो फेसबुक ने, बताया जाता है कि एक जांच बैठाई है, फेसबुक इंडिया के गतिविधियों को लेकर कि किस तरह से फेसबुक इंडिया के आला अधिकारी भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर समाज में द्वेष फैला रहे हैं, उस जांच को सार्वजनिक किया जाए, उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। उस जांच के दायरे में ये जो नया खुलासा हुआ है वाट्सऐप और भाजपा के आपसी रिश्तों पर, उसको भी इस दायरे में लाया जाए।

हमारे जनरल सेक्रेटरी ऑर्गनाइजेशन, श्री केसी वेणु गोपाल जी ने एक और पत्र आज मार्क जुबरबर्क जो फेसबुक के मालिक हैं, उनको लिखा है ये मांग करते हुए कि वो तमाम कदम जो आप उठा रहे हैं, जो गंभीर आप पर लगे हैं, फेसबुक पर और वाट्सऐप पर लगे हैं, आप क्या कदम उठा रहे हैं, ये हमें बताया जाए? इस देश को बताया जाए और हम हमारे 40 करोड़ जो उपभोक्ता हैं वाट्सऐप के उनका डेटा सुरक्षित कैसे रखा जा रहा है, ये बताया जाए। इस पत्र की जो प्रतिलिपी है, प्रेस रिलीज के साथ आपको वो भी दी जा रही है। मेरे सहयोगी दिल्ली में नहीं हैं, प्रवीन चक्रवर्ती जी, हमारे डेटा एनालिसिस के चेयरमैन साहब, वो अपना वक्तव्य आपके साथ जूम के जरिए पेश करेंगे।