PM Modi Pranav Da

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक व्यक्त किया

भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय श्री प्रणव मुखर्जी को उनके निवास स्थान, राजाजी मार्ग, नई दिल्ली में 01 सितंबर, 2020 को अंतिम सम्मान देते हुए।

01 SEP 2020 by PIB Delhi

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के दुखदनिधन पर शोक व्यक्त किया है। श्री मुखर्जी की स्मृति में मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने दो मिनट का मौन भी रखा।

“मंत्रिमंडल भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करता है।

उनके निधन से, देश ने एक प्रतिष्ठित नेता और एक उत्कृष्ट सांसद खो दिया है।

भारत के 13 वें राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी, प्रशासन के मामले में अद्वितीय अनुभव रखने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने  विदेश, रक्षा, वाणिज्य और वित्त मंत्री के रूप में भी कार्य किया।

11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के एक छोटे से गांव मिराती में जन्मे श्री मुखर्जी ने इतिहास और राजनीति विज्ञान के साथ ही कोलकाता विश्वविद्यालय से विधि में भी स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की थी।  बाद में उन्होंने कॉलेज में एक शिक्षक और पत्रकार के रूप में अपने पेशेवर जीवन की शुरुआत की।

स्वाधीनता आंदोलन में अपने पिता के योगदान से प्रेरित होकर, श्री मुखर्जी ने अपना सार्वजनिक जीवन 1969 में राज्यसभा का सदस्य चुने जाने के साथ शुरू किया।

श्री मुखर्जी 1973-75 के दौरान केन्द्रीय उद्योग उप मंत्री, जहाजरानी और परिवहन , इस्पात और उद्योग तथा वित्त राज्य मंत्री रहे। वे 1982 में पहली बार देश के वित्त मंत्री बने। वर्ष  1980 से 1985 तक वह राज्यसभा में सदन के नेता रहे। वह 1991 से 1996 तक योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे। 1993 से 1995 तक वाणिज्य मंत्री और 1995 से 1996 तक विदेश मंत्री तथा 2004 से 2006 तक रक्षा मंत्री भी रहे । उन्होंने 2006 से 2009 तक विदेश मंत्री और 2009 से 2012 तक वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया। वह 2004 से 2012 तक लोकसभा में सदन के नेता रहे।.

श्री प्रणब मुखर्जी ने 25 जुलाई 2012 को भारत के राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण किया और इस पद पर अपने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया।  राष्ट्रपति के रूप में श्री मुखर्जी ने देश के इस सबसे उूंचे पद की गरिमा को बनाए रखा और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के संबंध में विद्वतापूर्ण और मानवीय दृष्टिकोण को अपनाया।

एक ऊर्जावान पाठक के रूप में श्री मुखर्जी ने भारतीय अर्थव्यवस्था और राष्ट्र निर्माण पर कई किताबें लिखी हैं। उन्हें मिले कई पुरस्कारों और सम्मानों में 1997 में सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार, 2008 में पद्म विभूषण और 2019 में भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न शामिल हैं।

श्री मुखर्जी ने हमारे राष्ट्रीय जीवन पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उनके निधन से देश ने एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नेता, निपुण सांसद और एक बड़ा राजनेता खो दिया है।

मंत्रिमंडल श्री प्रणब मुखर्जी की राष्ट्र के प्रति की गई सेवाओं के प्रति गहरा आभार व्यक्त करता है और सरकार और पूरे देश की ओर से उनके शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति हार्दिक संवेदना भीव्यक्त करता है। ”