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बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंकों का दो दिनी हड़ताल (Strike) शुरू, पढ़ें पूरी खबर

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बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंकों का दो दिनी हड़ताल (Strike) शुरू, पढ़ें पूरी खबर

अहमदाबाद, 15 मार्चः सरकारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ महागुजरात बैंक एम्प्लायज एसोसिएशन ने आज और कल दो दिन के लिए सांकेतिक हड़ताल की घोषणा की है। इस दिन गुजरात के 60 हजार कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में शामिल होंगे।

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महागुजरात बैंक एम्प्लायज एसोसिएशन के महामंत्री जनक रावल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैंकों के निजीकरण से जनता के रूपयों की कोई सुरक्षा नहीं होगी। देश के बैंकों में जनता के 146 लाख करोड़ रूपये जमा हैं। जनता की यह पूंजी सरकारी बैंकों में सुरक्षित है। यदि यह निजी हाथों में गया तो निजी बैंकों के हाथ में यह सुरक्षित नहीं रहेगा।

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रावल ने कहा कि निजी बैंकों ने 8 लाख करोड़ रूपये एन.पी.ए. किया है। निजी मालिक रूपये वापस ही नहीं करें तो। निजीकरण का मतलब कि जनता के रूपयों की दिन-दहाड़े लूट है। निजीकरण से बैंकों में मिनिमम डिपोजिट की रकम तो बढ़ेगी, वहीं लोगों को विविध सेवाओं के लिए अत्यधिक रकम अदा करना पड़ेगा। उनकी बचत पर ब्याज की दरों में भी कमी हो जायेगी। राहतदरों पर मिलनेवाली लोन बंद हो जायेगी। कृषिऋण कम हो जायेगा। किसान एक बार फिर ब्याज के चक्रव्यूह में फंस जायेंगे। रोजगार के अवसर कम होंगे।

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रावल ने कहा कि जनता के पैसे का उपयोग जनकल्याण के लिए नहीं बल्कि कार्पोरेट के कल्याण के लिए होगा। गुजरात में सरकारी बैंकों की 5 हजार शाखाएं है। निजीकरण से ये बंद होगी, इनकी शाखाओं में कमी की जायेगी। सेल्फ हेल्प ग्रुप के अधिकांश खाता सरकारी बैंकों में हैं। सभी को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। निजीकरण के खिलाफ बैंक के 60 हजार कर्मचारी और अधिकारी दो दिनी हड़ताल करेंगे। सरकार निजीकरण पर रोक नहीं लगायेगी तो संघर्ष जारी रहेगा।

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